आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार के साथ-साथ दी जायेगी प्राथमिक शिक्षा– इमरती देवी

स्टेट न्यूज़ ,सिटी लाइव,   
img

आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार के साथ-साथ दी जायेगी प्राथमिक शिक्षा– इमरती देवी

प्रदेश में 313 आंगनबाड़ी केन्द्र बाल शिक्षा केन्द्र बने

ग्वालियर में राज्य स्तरीय समारोह सम्पन्न

 

ग्वालियर / प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने कहा है कि मध्यप्रदेश में आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप मे विकसित किया गया है। इन केन्द्रों के माध्यम से 6 वर्ष तक के बच्चों को पोषण आहार के साथ-साथ प्राथमिक शिक्षा भी दी जायेगी। प्रथम चरण में प्रदेश की 313 आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में प्रारंभ किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने बुधवार को ग्वालियर से बाल शिक्षा केन्द्रों के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में यह बात कही।       बाल शिक्षा केन्द्रों का राज्य स्तरीय शुभारंभ समारोह ग्वालियर के एलएनआईपीई सभागार में आयोजित किया गया । शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक श्री मुन्नालाल गोयल ने की। इस मौके पर महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री अनुपम राजन, आयुक्त महिला एवं बाल विकास श्री एम बी ओझा, कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री देवेन्द्र शर्मा, जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष श्री मोहन सिंह राठौर, एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रनसिंह परमार, जिला पंचायत सदस्य श्री सरदार सिंह, पूर्व विधायक श्री मदन कुशवाह सहित जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक और विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।       महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार कुपोषण निवारण की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। प्रदेश की आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार वितरण के साथ-साथ बच्चों को अब प्राथमिक शिक्षा भी प्रदान की जायेगी। प्रथम चरण में प्रदेश की 313 आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। अगले चरण में प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा।   महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने कहा कि प्रदेश के सभी ब्लॉकों में एक-एक आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। इन केन्द्रों को व्यवस्थित कर बच्चों को पोषण आहार वितरण के साथ-साथ खेलकूद में प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि पोषण आहार वितरण में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने समारोह में यह भी स्पष्ट किया कि पोषण आहार के वितरण में गड़बड़ी करने वालों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी।     महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने कहा कि महिला-बाल विकास विभाग के मैदानी अमले द्वारा भी अच्छा कार्य किया जाता है। खराब काम करने वालों को दण्डित करने के साथ-साथ अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रदेश स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित भी किया जायेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय विधायक श्री मुन्नालाल गोयल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कुपोषण निवारण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के कारण प्रदेश में कुपोषण में कमी आई है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित कर बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने का जो कार्य किया जा रहा है, वह एक सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन में समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने का कार्य भी एक बेहतर प्रयास है। समाज को जोड़कर आंगनबाड़ी केन्द्रों का बेहतर संचालन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दानदाताओं की कमी नहीं है। आवश्यकता उन्हें प्रोत्साहित करने की है   प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास श्री अनुपम राजन ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित कर बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देने का कार्य प्रारंभ किया गया है। प्रथम चरण में 313 आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में प्रारंभ किया जा रहा है। सभी बाल शिक्षा केन्द्रों को बेहतर बनाने की दिशा में भी कार्य किए गए हैं। इन केन्द्रों के माध्यम से बच्चों को पोषण आहार वितरण के साथ-साथ प्राथमिक शिक्षा भी प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कुपोषण निवारण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को भारत सरकार ने भी सराहा है। भारत सरकार की ओर से गत दिनों दिल्ली में आयोजित समारोह में तीन श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। दो श्रेणियों में मध्यप्रदेश को प्रथम एवं एक श्रेणी में मध्यप्रदेश को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। कुपोषण निवारण की दिशा में किए जा रहे कार्यों में मध्यप्रदेश को सफलता मिली है। कुपोषण नियंत्रण की दिशा में अभी और कार्य किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन में समाज की भागीदारी भी जरूरी है।   आयुक्त महिला एवं बाल विकास श्री एम बी ओझा ने समारोह में कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों को केवल पोषण आहार वितरण केन्द्र के रूप में ही जाना जाता है। विभाग की ओर से नई पहल कर आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया है। इन केन्द्रों के माध्यम से अब पोषण आहार के साथ-साथ बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा भी प्रदान की जायेगी। आने वाले दिनों में विभाग द्वारा प्रदेश की सभी 98 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा।आयुक्त श्री ओझा ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन में समाज के लोगों ने आगे आकर सहयोग प्रदान करने का कार्य किया है। समाज की भागीदारी से आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन को और बेहतर बनाया जा सकता है।  

            कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने कहा कि ग्वालियर जिले में दानदाताओं के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों को विकसित करने का कार्य किया गया है। कुपोषण निवारण की दिशा में भी ग्वालियर में सराहनीय प्रयास किए गए है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को और व्यवस्थित करने के लिए ग्वालियर जिले में प्रत्येक जिला अधिकारी को एक – एक आंगनबाड़ी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही आयुर्वेदिक पद्धति से कुपोषित बच्चों की मालिश कराकर कुपोषण मिटाने की दिशा में भी कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित कर बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देने का जो कार्य प्रारंभ किया गया है वह एक अनुकरणीय पहल है।

            कार्यक्रम में एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रनसिंह परमार ने कहा कि कुपोषण निवारण एवं बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा बाल शिक्षा केन्द्रों का संचालन एक ऐतिहासिक पहल है। इस प्रयास से आंगनबाड़ी केन्द्रों का बेहतर संचालन होगा और बच्चों को पोषण आहार के साथ-साथ शिक्षा भी मिलेगी। उन्होंने कुपोषण निवारण में सरकार के प्रयासों के साथ-साथ समाज की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता भी प्रतिपादित की।

            कार्यक्रम में जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री देवेन्द्र शर्मा, ग्रामीण अध्यक्ष श्री मोहन सिंह राठौर एवं पूर्व विधायक श्री मदन कुशवाह ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल शिक्षा केन्द्र प्रारंभ कर बच्चों को प्राथमिक शिक्षा आंगनबाड़ी केन्द्र में उपलब्ध कराने का जो कार्य प्रारंभ किया गया है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों के कुपोषण का निवारण होने के साथ-साथ उन्हें प्राथमिक शिक्षा भी उपलब्ध होगी।

आंगनबाड़ी केन्द्र के संचालन में सहयोग करने वालों का हुआ सम्मान

            बाल शिक्षा केन्द्र के शुभारंभ अवसर पर ग्वालियर में आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन में सहयोग करने वालों का सम्मान भी किया गया। ग्वालियर में आंगनबाड़ी केन्द्रों को संसाधन उपलब्ध कराने तथा संचालन में सहयोग करने पर अटल बाल पालक श्री हेमंत निगम, श्री धमेन्द्र श्रीवास्तव, श्रीमती संध्या राममोहन त्रिपाठी एवं श्री जी डी लड्डा को महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। 



सोशल मीडिया