ग्वालियर हाईकोर्ट की लोक अदालत ने पीड़ित पक्षकारों को दिलाया
एक करोड़ 8 लाख 80 हजार रूपए का अतिरिक्त क्षतिधन
ग्वालियर / राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नईदिल्ली के निर्देशानुसार एवं माननीय मुख्य न्यायाधिपति/मुख्य संरक्षक म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के मार्गदर्शन में शनिवार को म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। माननीय न्यायमूर्ति श्री संजय यादव, प्रशासनिक न्यायाधिपति म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस लोक अदालत में माननीय न्यायाधिपति श्री संजय यादव एवं श्री आर डी जैन सीनियर एडवोकेट, माननीय न्यायाधिपति श्री एस ए धर्माधिकारी एवं श्री व्ही के भारद्वाज सीनियर एडवोकेट, माननीय न्यायाधिपत श्री आनंद पाठक एवं श्री के एन गुप्ता सीनियर एडवोकेट, माननीय न्यायाधिपति श्री विवेक अग्रवाल एवं श्री एन पी द्विवेदी सीनियर एडवोकेट, माननीय न्यायाधिपति श्री जी एस अहलूवालिया एवं श्री आर के शर्मा सीनियर एडवोकेट, माननीय न्यायाधिपति श्री राजीव कुमार श्रीवास्तव एवं श्री अरविंद दुदावत सीनियर एडवोकेट तथा माननीय न्यायाधिपति श्री विशाल मिश्रा एवं श्री व्ही के सक्सेना सीनियर एडवोकेट की खण्डपीठ गठित की गई। इनके द्वारा आपसी सहमति के आधार पर 86 मोटर दुर्घटना क्लेम अपील, 136 कन्टेम्प्ट पिटीशन, 47 क्रिमिनल, रिवीजन, एक क्रिमिनल अपील, एक द्वितीय अपील, 15 एमसीसी, 19 एमसीआरसी, 8 एमपी, 02 रिव्यू पिटीशन, 12 डब्ल्यू पी प्रकरण सहित कुल 327 प्रकरणों का निराकरण किया गया। लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम अपील प्रकरणों में पीड़ित पक्षकारों को एक करोड़ 8 लाख 80 हजार रूपए की राशि अतिरिक्त क्षतिधन के रूप में प्राप्त हुई। 19 मार्च 2019 को आवेदक महेन्द्र सिंह अपने पुत्र अभिषेक ग्राम भगेह साइकिल से जा रहा था। ग्राम भगेह रोड़ पर सरकारी स्कूल के पास ट्रेक्टर क्रमांक एमपी-07 एए-6223 का चालक तेजी व लापरवाही से चलाकर लाया और टक्कर मार दी। जिससे अभिषेक को गंभीर चोटें आईं और उसकी घटना स्थल पर मृत्यु हो गई। उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर की लोक अदालत में एमएसीटी डबरा जिला ग्वालियर द्वारा मृतक के वारिसान को दिलाए गए क्षतिधन में एक लाख 50 हजार रूपए की वृद्धि की गई। एक अन्य प्रकरण में उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर की लोक अदालत में एमएसीटी विदिशा द्वारा मृतक के वारिसान को दिलाए गए क्षतिधन में 5 लाख रूपए की वृद्धि की गई।







