कमलनाथ सरकार के मैग्नीफिसेंट एमपी के पहले दो ऐतिहासिक निर्णय : शोभा ओझा
निवेश के लिए नियत और नीति में बदलाव, रोजगार और निवेश के लिए मील का पत्थर होगा
भोपाल । मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने बयान में कहा कि प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की निवेश और रोजगार के लिए नीति और नियत में खोट था इसलिए इस क्षेत्र में बदलाव नहीं हुआ, अब इस क्षेत्र में बदलाव के लिए राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने न केवल कमर कस ली है। बल्कि औद्योगिक और आईटी के क्षेत्र में निवेश के लिए नीति में बदलाव भी किया है। इससे न केवल राज्य में निवेश बढेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
श्रीमती ओझा ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के विशेष प्रयासों के चलते केवल इन्दौर-पीथमपुर क्षेत्र में ही, अब तक लगभग तीस हजार करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है और यह इस बात का साफ संकेत है कि निवेशकों के मन में कमलनाथ सरकार के प्रति पूरा भरोसा और विश्वास है, जिसके चलते 18 अक्टूबर को इंदौर में होने जा रही मैग्नीफिसेंट एमपी की ऐतिहासिक सफलता पूरी तरह सुनिश्चित है। इसके लिए मंत्रिपरिषद ने दो नीतियों में भी बदलाव किया है।
श्रीमती ओझा ने कहा कृषि एवं फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में निवेश के बेहतरीन अवसर हैं, क्योंकि मध्यप्रदेश पांच विशेष फसल क्षेत्र से युक्त है, संतरा, टमाटर व लहसुन उत्पादन में प्रथम है, औषधीय एवं दुग्ध उत्पादन में अग्रणी है। यह दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि प्रदेश की इस नैसर्गिक क्षमता का पिछली सरकार के द्वारा कभी समुचित उपयोग नहीं किया गया।
आज जारी अपने बयान में श्रीमती ओझा ने कहा कि मध्यप्रदेश निवेश के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य इसलिए भी है क्योंकि यहां 120000 एकड़ औद्योगिक भूमि, 48000 एकड़ विकसित औद्योगिक क्षेत्र, 900 एमक्यूबी जल उद्योगों के लिये, 23000 मेगावाट से अधिक की बिजली क्षमता, 2 लाख स्किल्ड मैन पावर प्रतिवर्ष की उपलब्धता है, जो प्रदेश को निवेश के लिए एक आदर्श राज्य बनाता है।
श्रीमती ओझा ने कहा कि मध्यप्रदेश में उद्योग, आईटी और आईटी से जुडे हुए अन्य सेक्टर में, लॉजिस्टिक्स, फूड़-प्रोसेसिंग, फार्मा, ऑटोमोबाइल आदि विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगों में ऐतिहासिक निवेश आने की संभावना है, जिससे मध्यप्रदेश में विकास के एक नये युग का सूत्रपात होगा।
श्रीमती ओझा ने बताया कि मुख्यमंत्री कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश में अन्तर्राष्ट्रीय निवेश के आयाम खोलने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश आईटी, आईटीएस एवं ईएसडीएम निवेश प्रोत्साहन नीति एवं योजना 2016 में संशोधन किया है। प्रदेश में डाटा सेन्टर स्थापित करने के लिये शासकीय भूमि के मूल्य में छूट संबंधी प्रावधान को योजना में जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि अब दस करोड़ रूपये के न्यूनतम प्रस्तावित निवेश वाला डाटा सेन्टर इस नीति के तहत लाभ का हकदार होगा। जो इकादयाँ प्रदेश में शासकीय भूमि पर डाटा सेन्टर स्थापित करना चाहती हैं, उन्हें भूमि मूल्य पर 75 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। इससे डाटा लोकलाईजेशन के अन्तर्गत होने वाले निवेश को प्रदेश में आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
श्रीमती ओझा ने बताया कि मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश भू-संपदा नीति 2019 और मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2019 को अनुमोदन प्रदान किया गया। इससे प्रदेश में नवीन निवेश आकर्षित किए जा सकेंगे। डिजिटल तकनीक के माध्यम से हितग्राहियों के कार्यो में बेहतर समन्वय तथा आवेदक मित्र व्यवस्था लागू करने का प्रयास किया गया है। इससे कार्य में स्पष्टता, पारदर्शिता और जवाबदेही स्थापित हो सकेगी।
श्रीमती ओझा ने बताया कि मध्यप्रदेश भू-संपदा नीति 2019 में नागरिकों, कॉलोनाईजर और निवेशक सभी के लिए प्रावधान किये गये हैं। नागरिकों को छोटे आवासों की तत्काल अनुमति, नुजूल एन.ओ.सी. के प्रावधानों को कम करने, राजस्व, टाउन एंड कट्री प्लानिंग और नगरीय निकायों के दस्तावेजों में सामन्जस्य, लैंड पुलिंग के माध्यम से अधिक भूमि की वापसी, पुरानी स्कीम के लिए पारदर्शी निर्णय की प्रक्रिया, बंधक संपत्ति को चरणों में रिलीज करने की व्यवस्था, 27 प्रकार के दस्तावेज कम कर 5 दस्तावेज आवश्यक करने संबंधी व्यवस्था की गई है। कॉलोनाईजर के लिए एक राज्य एक पंजीकरण, अवैध कॉलोनाईजेशन रोकने के लिए 2 हेक्टेयर की सीमा समाप्त करने, कॉलोनी के विकास और पूर्णता की तीन चरणों में अनुमति, ईडब्ल्यूएस निर्माण की अनिर्वायता से छूट जैसे प्रावधान किए गए हैं। इसी प्रकार निवेशकों के लिए राजस्व, प्लानिंग एरिया की सीमा पर फ्री एफ.ए.आर., ईडब्ल्यूएस/एलआईजी बनाने वाले निवेशकों को प्रोत्साहन जैसे कई प्रावधान भू-संपदा नीति में किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2019 को अनुमोदन प्रदान किया। शहरी सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ बनाने और शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने तथा गैर पेट्रोलियम वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस नीति में चार्जिंग, अधोसंरचना विकास और इलेक्ट्रिक वाहन और उसके घटकों के निर्माण पर छूट का प्रावधान है। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर मोटर व्हीकल टैक्स एवं रजिस्ट्रेशन टैक्स में शत-प्रतिशत रियायत प्रदान की जाएगी। प्रथम पाँच वर्षो में नगरीय निकायों के अधीनस्थ संचालित पार्किंग में शत-प्रतिशत रियायत का प्रावधान भी है। इसके साथ ही इंजीनियरों और टेक्नीशियनों को प्रशिक्षित कर नये रोजगार सृजित किए जाएंगे।
श्रीमती ओझा ने बताया कि मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में संशोधन को अनुमोदन प्रदान किया। गौण खनिज आधारित न्यूनतम 25 करोड़ रूपये निवेश से नवीन उद्योग/विस्तार के प्रस्तावों पर दो करोड़ रूपए की बैंक गारंटी लेने पर सीधे उत्खननपट्टा आवंटन किया जाएगा। अनुसूची-एक में मेन्युफेक्चर्ड सेंड (एम-सैंड) के नाम से एक नये गौण खनिज को जोड़ा जा रहा है, जिसकी रायल्टी 50 रूपये प्रति घनमीटर प्रस्तावित की गई है। इस प्रावधान से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर के साथ अतिरिक्त खनिज राजस्व भी प्राप्त होगा। ग्रेनाईट एवं अन्य आकारीय पत्थर की खदानों में अतिरिक्त मात्रा में निकलने वाले अनुपयोगी पत्थर (वेस्ट) के विक्रय की व्यवस्था नहीं है। इस पत्थर की माँग निर्माण सामग्री के लिए काफी है। अत: ऐसे अनुपयोगी पत्थर को गिट्टी/बोल्डर निर्माण के लिए अनुसूची-एक में अनुक्रमांक 9 पर जोड़ा जा रहा है, जिसकी रायल्टी 120 रूपये प्रति घनमीटर प्रस्तावित की गई है। इस प्रावधान से स्थानीय स्तर पर विभिन्न निर्माण कार्यो के लिए गौण खनिज सुगमता से उपलब्ध हो सकेगा।
अनुसूची-एक और दो के चार हेक्टेयर तक के क्षेत्र जिले के कलेक्टर/अपर कलेक्टर स्वीकृत कर सकेंगे। चार हेक्टेयर से अधिक पर 10 हेक्टेयर तक के क्षेत्र, संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म स्वीकृत कर सकेंगे तथा राज्य शासन की पूर्व अनुमति से इन खनिजों के 250 हेक्टेयर तक के क्षेत्र संचालक स्वीकृत कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति 2019 को अनुमोदन प्रदान किया। इसके अन्तर्गत फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाईल्स और पॉवरलूम जैसे चयनित सेक्टर्स के लिए रियायतों के विशेष पैकेज, यंत्र-संयत्र के साथ-साथ भवन पर भी अनुदान तथा महिला/अजा/अजजा उद्यमियों द्वारा संचालित ईकाइयों को अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने 'मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति 2019' को अनुमोदन प्रदान किया। यह नीति एक अप्रेल 2020 से लागू की जाएगी। इससे इन्क्यूबेटर्स एवं स्टार्टअप को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं में वृद्धि होगी। इससे नवाचार युक्त एवं नवीन प्रोडक्ट्स के साथ अपना स्टार्टअप स्थापित करने के इच्छुक प्रदेश के नव उद्यमी लाभान्वित होंगे।
उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अवसर निर्मित करने और पर्यटकों को आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नवीन योजनाओं के प्रर्वतन के क्रम में मध्यप्रदेश बेड एण्ड ब्रेकफास्ट स्थापना योजना 2019 को अनुमोदन प्रदान किया। योजना का उद्देश्य देशी-विदेशी पर्यटकों को किफायती दरों पर आवास और नाश्ता/भोजन सुविधा प्रदाय करना, देशी-विदेशी पर्यटकों को भारतीय संस्कृति तथा आतिथ्य से परिचित कराना, नागरिकों को अपने आवास में उपलब्ध अतिरिक्त क्षमता से आय अर्जन और रोजगार सृजन के अवसर प्रदान करना, स्थानीय स्तर पर पर्यटकों के लिए आवासीय सुविधाओं का विकास एवं अभिवृद्धि तथा प्रदेश में निजी क्षेत्र के माध्यम से पर्यटक आवासीय सुविधाओं का विस्तार करना है।
उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने स्मार्ट इण्डस्ट्रीयल पार्क पीथमपुर की जापानीज तथा सुदूर पूर्व एवं दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के निवेशकों के लिए आरक्षित कुल भूमि में से 72.77 हेक्टेयर भूमि को प्रदेश/देश के निवेशकों के लिए मल्टी प्रोडक्ट औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अनारक्षित करने को अनुसमर्थन किया गया।
कमलनाथ सरकार के मैग्नीफिसेंट एमपी के पहले दो ऐतिहासिक निर्णय : शोभा ओझा
स्टेट न्यूज़ , Oct 16 2019







