आधे हिंदुस्तान की हवा में घुला जहर
दिल्ली-एनसीआर के हालात बदतर, पलायन कर रहे लोग
नई दिल्ली । प्रदूषण के जहर से आधा हिंदुस्तान परेशान है। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार समेत तकरीबन आधे हिंदुस्तान की आबोहवा और दमघोंटू व जहरीली हो गई है। दिल्ली-एनसीआर में तो प्रदूषण अपने सर्वोच्च पैमाने गंभीर रूप से खतरनाक स्तर को भी पार करते हुए तीन गुना आगे तक चला गया है। सोमवार की सुबह एक बार फिर दिल्ली धुंध की चादर में लिपटी नजर आई। सोमवार की सुबह दिल्ली में लोधी रोड पर वायु गुणवत्ता सूचकांक के आंकड़े डराने वाले दिखे। सूचकांक के मुताबिक पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 500 तक जा पहुंचा है। यह वायु गुणवत्ता के लिहाज से बेहद गंभीर है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने आपात बैठक की। अब वह खुद प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर 24 घंटे निगरानी रखेगा। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने इस मुद्दे पर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। मीटिंग में दिल्ली के अधिकारियों के अलावा पंजाब और हरियाणा की राज्य सरकारों के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़ेंगे।
दिल्ली सरकार ने जारी की एडवाइजरी
दिल्ली-एनसीआर में जानलेवा स्तर तक पहुंच चुके प्रदूषण को लेकर रविवार को अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने लोगों से अपील की है कि वो जितना संभव हो सके घर से बाहर जाने से बचें। एडवाइजरी में कहा गया है कि वायु प्रदूषण का असर स्वास्थ्य पर पड़ सकता है और यह बीमारी का कारण भी बन सकता हैं। खासकर सांस जैसी बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
दिल्ली में आज से सम-विषम लागू
राजधानी में सोमवार सुबह आठ बजे से वाहनों के लिए सम-विषम योजना लागू हो गई। इसमें सीएनजी वाहनों को भी छूट नहीं दी गई है। इस दौरान सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या में कमी से सार्वजनिक वाहनों में यात्रियों की भीड़ रहेगी। सम-विषम योजना आज सवेरे आठ बजे से लागू हो गई। बसों की कमी से निपटने के लिए किराये पर 850 बसें मंगवाई गई हैं, तो कैब और ऑटो के सफर पर अतिरिक्त किराया न लगने से भी यात्रियों को राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं, मेट्रो यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त फेरे लगाएगी। सम-विषम के दौरान दिल्ली सरकार के कार्यालयों का वक्त बदला गया है। सुबह 9.30 और 10.30 बजे से कामकाज शुरू होगा। देर से शुरू होने वाले दफ्तर सात बजे तक खुले रहेंगे।
स्कूली बच्चों के लिए वाहनों को छूट
सम-विषम के दौरान बस या छोटे वाहनों में अगर बच्चे यूनिफॉर्म में हैं तो उन्हें छूट होगी, लेकिन यह छूट स्कूल शुरू होने और छुट्टी के दौरान ही होगी। स्कूली बच्चों को लेकर आने जाने वाले वाहनों को छूट दी गई है।
दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना दिल्ली
रविवार दिल्ली और एनसीआर वालों के लिए किसी कयामत के दिन से कम नहीं रहा। हल्की बारिश के बावजूद आसमान साफ नहीं हुआ था और सामने था बस धुआं ही धुआं। यह धुआं इतना जहरीला था कि दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। रविवार को राजधानी का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 1065 पर था। यह लाहौर के एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 163 के सात गुना है। दिल्ली और एनसीआर के हालात सोमवार को भी नहीं सुधरे हैं। आज भी स्तर आपतकालीन स्थिति वाला है।
2016 और 2017 से भी ज्यादा स्मॉग
राजधानी में हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ते ही जा रहे हैं। रविवार को हुआ स्मॉग नवंबर 2016 और नवंबर 2017 के मुकाबले भी ज्यादा रहा। एनसीआर में गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद के हालात भी अच्छे नहीं रहे। यहां भी प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक बना हुआ था। प्रदूषण की जानकारी देनेवाली एयर विजुअल वेबसाइट (यूएस पैमाना) के मुताबिक, दिल्ली रविवार को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर रहा। इस लिस्ट में ढाका दूसरे नंबर पर था।
40 फीसदी आबादी दिल्ली छोडऩे को तैयार
जहरीली हवा के चलते दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों ने दूसरे शहरों में जाने की इच्छा जताई है। नौकरियों या अन्य वजहों के चलते यहां रहने पर मजबूर तकरीबन 40 फीसदी लोग दूसरे शहरों का रुख करना चाहते हैं। एक सर्वे से यह खुलासा हुआ है। 17 हजार से ज्यादा लोगों पर कराए गए इस सर्वे के मुताबिक, 13 फीसदी निवासियों का मानना है कि उनके पास प्रदूषण की चुनौतियों से पार पाने का कोई विकल्प नहीं है। वहीं, 31 फीसदी लोगों ने दिल्ली-एनसीआर में रहने की बात कही है। उनका कहना है कि वे प्रदूषण से पार पाने के लिए एयर प्यूरीफायर, मास्क जैसे उपकरणों का सहारा लेंगे। आनलाइन प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल द्वारा कराए गए इस सर्वे के मुताबिक, 16 फीसदी लोगों ने कहा, वे दिल्ली-एनसीआर में ही रहना चाहेंगे, मगर ऐसे माहौल में वे कुछ समय के लिए कहीं और जाना चाहेंगे।







