प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के पीएफ पैन, आधार से लिंक नहीं

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प्रबंधन की लापरवाही कर्मचारियों को पड़ेगी भारी 
प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के पीएफ पैन, आधार से लिंक नहीं  
ग्वालियर। प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट पैन और आधार से लिंक नहीं होने के कारण इन सभी को ऑनलाइन क्लेम और अन्य लेनदने में परेशानी आएगी। 
जानकारी के अनुसार पिछले लगभग दो वर्ष में प्रदेश के लगभग सभी नियोक्ताओं को कर्मचारियों के पीए खातों को केवायसी दस्तावेजों से जोडऩे के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। लेकिन प्रबधंन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। प्रदेश के करीब आठ लाख कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट पैन और आधार कार्ड से अब तक लिंक नहीं हो पाए हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के लिए आवश्यक दस्तावेज या तो नियोक्ताओं ने अथवा कर्मचारियों ने लिंक नही कराए हैं। विभाग के रिकॉर्ड में कर्मचारियों के जरूरी दस्तावेज मिसिंग बताए जा रहे हैं। इनमें ग्वालियर के साथ ही भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और सागर भी शामिल हैं। वहीं केवल भोपाल अंचल के ही कर्मचारियों की संख्या 2 लाख 59 हजार है। ऐसे कर्मचारियों की संख्या भी बहुत है जिनके खाते केवायसी से अपडेट नहीं हुए हैं। इसका खामियाजा कर्मचारियों को उठाना पड़ेगा। विभागीय सूत्रों की मानें तो ऐसे कर्मचारियों को ऑनलाइन क्लेम और अन्य लेनदेन में दिक्कत आएगी। इन कर्मचारियों को पीएफ खाते के बारे में अपडेट संबंधी जानकारियां ऑनलाइन नहीं मिल पाएंगी। बताया जाता है कि ईपीएफओ द्वारा डेढ़-दो साल में प्रदेश के सभी नियोक्ताओं को कर्मचारियों के पीएफ खातों को केवायसी दस्तावेज से जोडऩे के सम्बन्ध में कई बार नोटिस जारी किए गए, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। यह चौंकाने वाले आंकड़े ग्वालियर क साथ ही भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय के ही नहीं, बल्कि मप्र के अन्य कार्यालयों में भी हैं। प्रदेश के छह बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, सागर और ग्वालियर में ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इनमें केवल भोपाल से जुड़े आसपास के जिलों में लाखों कर्मचारियों के खाते पैन-आधार से लिंक नहीं हो पाए हैं। वहीं इंदौर में कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक है।
    ग्वालियर- जबलपुर सहित अन्य क्षेत्रीय कार्यालयों से जुड़े जिलों की भी कमोबेश यही स्थिति है। ऐसे कर्मचारियों की संख्या 7-8 लाख तक बताई जा रही है। कर्मचारी का पीएफ खाता यदि पैन-आधार अथवा केवायसी से संबद्ध अन्य दस्तावेजों से अपडेट नहीं है तो वह ऑनलाइन क्लेम नहीं कर पाएगा। 
संस्थान बदलने पर भी दिक्कत
कर्मचारी यदि एक संस्थान की नौकरी छोड़ता है तो पीएफ खाते से पैसे निकालने के लिए उसे ऑफलाइन आवेदन करने के लिए भी प्रबंधन की सहमति लेना होगी। पैन-आधार एवं केवायसी संबंधी औपचारिकताएं पूरी हैं और यूनिवर्सल एकाउंट नंबर यूएएन एक्टीवेट है तो कोई भी कर्मचारी ईपीएफओ के उमंग एप के जरिए आवेदन कर सकेगा। ईपीएफओ के इस एप की मदद से वह घर बैठे अपने मोबाइल से आवेदन कर सकता है। उसे नियोक्ता की सहमति अथवा उसके दस्तखत की जरूरत नहीं रहेगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों के केवायसी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने के संबंध में नियोक्ताओं को नोटिस भी भेजे जा रहे हैं।



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