एससी-एसटी एक्ट के विरोध में
सवर्ण और पिछड़ों का शांति पूर्ण बंद
नहीं खुले बाजार, चप्पे-चप्पे पर पुलिस
ग्वालियर। एससी-एसटी एक्ट के विरोध में सवर्ण और पिछड़े वर्ग के विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद का आज शहर में व्यापक असर दिखाई दिया। इस दौरान दुकानों के शटर नहीं खुले और बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। सुबह-सुबह कुछ ऑटो, टैम्पो अवश्य ही सड़कों पर दिखाई दिए लेकिन कुछ समय बाद इनका चलना भी बंद हो गया। पूरे शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात हैं तो वहीं आकाश में उड़ते डोन कैमरे भी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
सवर्ण और पिछड़ों के आज किए गए बंद के आह्वान को देखते हुए शासन, प्रशासन और पुलिस दो दिन पहले से ही सतर्क हो गए थे। इसके चलते कड़े सुरक्षा इंतजाम करते हुए किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बाजारों से लेकर गली-मोहल्लों में भी पुलिस का पहरा लगा दिया गया। इतना ही नहीं नेताओं से लेकर विधायक, सांसद और मंत्रियों ने अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए।
केन्द्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए एससी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सवर्णों की द्वारा बुलाए गए भारत बंद का असर देश समेत मध्यप्रदेश मे व्यापक असर देखने को मिल रहा है। एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में 35 संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। बंद को देखते हुए सबसे ज्यादा सतर्कता मध्यप्रदेश में बरती जा रही है। यहां 10 जिलों में धारा 144 लगा दी गई है और 35 जिलों को हाई अलर्ट जारी किया गया है। वहीं बीती दो अप्रैल को आरक्षण समर्थकों द्वारा किए गए बंद के दौरान हुए उपद्रव और हंगामें को देखते हुए ग्वालियर में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
स्वेच्छा से रखे प्रतिष्ठान और दुकानें बंद
बंद से एक दिन पहले बुधवार को चेम्बर में शहर के व्यापारियों और दुकानदारों की एक बैठक हुई जिसमें सभी ने इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए आज गुरुवार को अपनी दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्णय लिया था। इसके चलते सभी ने अपनी दुकानें बंद रखीं जिससे बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। इस दौरान कहीं पर भी किसी प्रकार का विवाद, तोडफ़ोड़ अथवा अप्रिय घटना का समाचार नहीं है। बंद समर्थक भी बाजारों में घूमते रहे।
आवश्यक सेवाएं रहीं मुक्त
हालांकि बंद से आवश्यक सेवाओं जैसे अस्पताल, मेडीकल स्टोर्स, बैंक और शिक्षण संस्थाओं आदि को मुक्त रखा गया था लेकिन इनमें भी कुछ मेडीकल स्टोर्स संचालकों ने चार बजे तक स्वेच्छा से अपनी दुकान बंद रखने का निर्णय लिया। वहीं अधिकतर शिक्षण संस्थाएं भी बंद रहीं।
यात्री वाहन नहीं चलने से हुई परेशानी
इस दौरान ऑटो-टैम्पो भी काफी कम संख्या में चले जिससे लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं इस दौरान सबसे अधिक परेशानी शहर से बाहर जाने और आने वालों को स्टेशन, बस स्टेण्ड आदि तक पहुंचने में हुई। इसके चलते रेड़ा आदि का सहारा लेना पड़ा। वहीं जो ऑटो-टैम्पो चले उनके चालकों ने लोगों से मनमानी वसूली की।
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ग्वालियर पर विशेष नजर
केन्द्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए एससी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सवर्णों की द्वारा बुलाए गए भारत बंद का असर देश समेत मध्यप्रदेश मे व्यापक असर देखने को मिल रहा है। एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में 35 संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। बंद को देखते हुए सबसे ज्यादा सतर्कता मध्यप्रदेश में बरती जा रही है। यहां 10 जिलों में धारा 144 लगा दी गई है और 35 जिलों को हाई अलर्ट जारी किया गया है। वहीं बीती दो अप्रैल को आरक्षण समर्थकों द्वारा किए गए बंद के दौरान हुए उपद्रव और हंगामें को देखते हुए ग्वालियर में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।







