घर जैसा एक घर यूथ हॉस्टल

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घर जैसा एक घर यूथ हॉस्टल
भोपाल । राजधानी भोपाल में स्थित युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित यूथ हॉस्टल में रुकने पर ऐसी अनुभूति होती है जैसे कि व्यक्ति घर से दूर नहीं बल्कि अपने घर में ही रह रहा हो। टीटी नगर पलाश होटल के पास बने इस सर्वसुविधा युक्त होस्टल में सरकारी विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों के साथ ही छात्र-छात्राएं और खिलाड़ी ठहर सकते हंै। 
युवक सदन के नाम से 12 जून 1971 में इस यूथ हॉस्टल का शिलान्यास नागरिक उड्डयन एवं पर्यटन मंत्री डॉ. सरोजनी महिषी द्वारा किया गया था। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्योग मंत्री बसंत राव उइके ने की थी। वर्तमान में प्रमुख सचिव खेल टी.मोहनराव के निर्देशन में संचालित यूथ हॉस्टल की देखरेख का जिम्मा मैनेजर मनोज खरे संभाल रहे हैं। इसकी मुख्य विशेषता यह है कि सेंटर पॉइट होने के साथ ही यहां से जहां मुख्यमंत्री निवास समीप है वहीं स्टेशन और बस स्टैण्ड की दूरी मात्र तीन किलोमीटर है। वहीं बड़ा तालाव, खेल मैदान और तात्याटोपे स्टेडियम भी नजदीक ही है। यहां पर नेहरू युवा केन्द्र, सांस्कृतिक विभाग व अन्य शासकीय विभागों की गतिविधिया जारी रहती हैं।
ये हैं व्यवस्थाएं
प्रदेश भर से यहां आने वाले सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं और खिलाडिय़ों ठहरने के लिए मंहगे होटलों के मुकाबले यह एक सस्ता और उचित स्थान है। यहां पर मींटिग हॉल के साथ ही 13 रूम और 70 बैड हैं, वहीं 8 कॉमन रूम भी हैं। इनमें प्रत्येक में 15 बैड की व्यवस्था है। सिंगल बैड का चार्ज 150 और डबल का 300 और 400 रुपए है। यूथ हॉस्टल में कैंटीन होने के साथ ही 24 घंटे बिजली और पानी का भी इंतजाम है। 
स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन किया
मैनेजर मनोज खरे ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत बीती 1 से 15 अगस्त तक यूथ हॉस्टल द्वारा स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन किया गया। इस दौरान सफाई और स्वच्छता को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
यूथ हॉस्टल की परिकल्पना
यूथ हॉस्टल की परिकल्पना जर्मन स्कूल अध्यापक एवं विद्वान रिचर्ड शिरमन ने 26 अगस्त 1909 में की थी। इस दौरान जब वे कुछ विद्यार्थियों के साथ भ्रमण पर थे और रात होने पर हो रही बरसात के कारण उन्होंने एक स्कूल के कक्षों में शरण ली। तब उनके मन में विचार आया कि स्कूलों की इमारतें, सरकारी आवासों आदि को युवाओं के भ्रमण के दौरान प्रयोग में लाया जा सकता है। कमरों में डोर मैट्री और भोजन कक्ष बनाकर आराम से रहा जा सकता है। बस यहीं से यूथ हॉस्टल आंदोलन की शुरु आत हुई। वर्ष 1912 में जर्मनी में आलटीना पहला यूथ हॉस्टल बनाया गया। इसके बाद 1949 में मैसूर में भारतीय युवा आवास एसोसिएशन की स्थापना हुई। दिसबर 1977 में एसोसिएशन ने नई दिल्ली में अपना यूथ हास्टल भवन बनाया। इस समय देश में 100 यूथ हॉस्टल संचालित हैं। विश्व में 60 देशों के करीब 5 हजार से ज्यादा नौजवान हॉस्टल में कार्यरत हैं। 



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