सिंधिया के सेनापति अलग-अलग दिशा में

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सिंधिया के सेनापति अलग-अलग दिशा में
अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा के समानातंर चला रहे हैं अलग कांग्रेस
ग्वालियर। विधानसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं वहीं कांग्रेस अब भी गुटबाजी के जाल से बाहर नहीं आ पा रही। स्थिति यह है कि यदि अंचल और जिले की ही बात करें तो ग्वालियर में ही कांग्रेसी अलग-अलग अपनी कांग्रेस चला रहे हैं।
 यूं तो अंचल में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का ही दबदबा है। वहीं सभी नेता सफलता के लिए उनके सानिध्य में ही रहना चाहते हैं। लेकिन इधर जबकि विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो ऐसी स्थिति में जिला कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी है। स्थिति यह है कि टिकट के दावेेदार अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी के नाम पर जनसम्पर्क और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैंै। 
जिला अध्यक्ष के निर्देशों की अवहेलना
गुटबाजी के कारण लम्बे समय से बैकफुट पर पड़ी कांग्रेस अब भी कोई सबक लेने को तैयार नहीं है। जिले में जबसे देवेन्द्र शर्मा ने अध्यक्ष का पद संभाला है तब से ऐसे लोग लगातार उनके निर्देेशों की अवहेलना कर रहे हैं जो कि टिकट के दावेदार हैं। इनमें पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल, प्रधुमन सिंह तोमर, मुन्नालाल गोयल, मितेन्द्र दर्शन सिंह, सुनील शर्मा ऐेसे नेता हैं जो कि टिकट हथियाने के प्रयास में लगे हुए हैं। हालांकि यह सभी सिंधिया के करीबी माने जाते हैं। लेकिन इन दिनों यह लोग जिला कांग्रेस से अलग अपनी समानांतर कांग्रेस चला रहे हैं। इसके लिए इन नेताओं ने अपने- अपने क्षेत्रों में मोर्चा संभालते हुए विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के साथ ही जनसम्पर्क भी शुरू कर दिया है। इसके चलते यह तय है कि इनमें से जिसका भी टिकट कटेगा वह अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ ही चुनाव में काम करेगा जिससे पार्टी को हानि उठाना पड़ सकती है। 
आंदोलन भी अलग-अलग
सिंधिया के करीबी कहे जाने वाले यह सभी नेता अपनी ढपली अपना राग की तरह पार्टी लाइन से अलग धरना आंदोलन आदि भी कर रहे हैं। अभी हाल ही में पेट्रोलियम पदाथों को लेकर शहर बंद के दौरान भी इनकी आपसी फूट सामने आ गई। जिनमें एक नेता दूसरे की काट करता दिखाई देता है। इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। 
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यह भी नहीं हैं पीछे
इधर जहां कुछ नेता लगातार जिला अध्यक्ष के निर्देशों की अवहेलना करते हुए समानांतर कांग्रेस चला रहे हैं तो विधानसभा के लिए अन्य दावेदार भी  आपसी खींचतान और गुटबाजी में लगे हुए हैं।इनमें किशन मुदगल, आंदन शर्मा, सुधीर गुप्ता, रश्मि पवार मोहन राठौर आदि के नाम लिए जा सकते हैं। यह सभी वरिष्ठ नेताओं के सामने टिकट के लिए अपनी साख बनाने के उद्धेश्य से शक्ति प्रदर्शन करते रहते हैं। इसके लिए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों और मंचों के माध्यम से भी टिकट हथियाने का प्रयास कर रहे हैं।



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