कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच
ताजियों के मातमी जुलूस निकले, सागरताल पर किए गए दफन
मुहर्रम पर आज शुक्रवार को शहर में कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच ताजियों के मातमी जुलूस निकाले गए। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से निकले यह जुलूस सागर ताल करबला पहुंचे जहां इन्हें विसर्जन करने के साथ ही दफन भी किया गया। तीन दिन से भूखे प्यासे हजरत इमाम हुसैन। हजरत इमाम हुसैन के साथ ही उनके 72 जां निसार साथियों की करबला में शहादत की याद में यौम-ए-आशूरा यानी दसवीं मोहर्रम को ताजिए व अलम के जुलूस निकाले गए। शिया समुदाय ने मिशन पैगाम-ए-हुसैनी के तत्वावधान में जुलूस निकाला तो सुन्नी समुदाय ने काशाना-ए-नियाजिया से जुलूस निकालकर इमाम हुसैन अलै. की याद को ताजा किया। बताया कि यही वो अजीम शख्सियत है, जिन्होंने दीन की खातिर पूरे कुनबे को शहीद कर दिया और इस्लाम पर आंच न आने दी। फरमाया कि इमाम हुसैन की शहादत को दुनिया कयामत तक याद करेगी और जालिम यजीद को नफरत से देखेगी। जुलूस में नन्हे असगर, सकीना को याद करके लोग फफक पड़े शहर भर में निकले जुलूस गमे हुसैन की याद में शहर के विभिन्न मोहल्लों से बड़ी संख्या में ताजियों का जुलूस निकाला गया। जुलूसों में मातम, नौहाख्वानी के साथ ही या हुसैन की सदाओं के साथ करबला तक पहुंचे।सदाओं के साथ करबला तक पहुंचे। तारीखे करबला के अनुसार चौदह सौ साल पहले पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद (सल्ल.) के नवासे हजरत इमाम हुसैन ने अपने 72 जानिसारों के साथ कर्बला में 3 दिन प्यासे रहकर दसवीं मुहर्रम आशूरा को शहादत दी थी।
सामूहिक जुलूस निकले
शुक्रवार जुमा की नमाज के बाद नगर के विभिन्न अंचलों से सवारी-ताजियों के जुलूस निकले। इस अवसर पर मुस्लिम बहुल क्षेत्र से बड़ी तादाद में लंगर बांटने वाले वाहन जुलूस में शामिल हुए। शहर के लश्कर क्षेत्र में माधौगंज, अवाड़पुरा, मामा का बाजार, गुढ़ा आदि क्षेत्रों से निकले जुलूस महाराजबाड़ा, चावड़ी बाजार, जनकगंज, जीवाजीगंज होते हुए सागरताल पहुंचे। उधर ग्वालियर और मुरार क्षेत्र के ताजियों के जुलूस अलग-अलग स्थानों से होकर सागरताल करबला पहुंचे। यहां परंपरानुसार सवारी-ताजिये ठंडे किए जा रहे हैं। गलगला में शाम-ए-गरीबाँ की मजलिस होगी,
ताजियों ने किया गश्त
उधर इससे पूर्व गुरूवार को शहादत की रात में नगर के विभिन्न मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में मुहर्रम पर शानदार सजावट की गई। इस अवसर पर जहां शहर के विभिन्न क्षेत्रों से नालबंदों की सवारी निकाली गईं। वहीं बाड़े पर रात भर ताजियों ने गश्त किया।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस
तालियों के विसर्जन को लेकर पहले से ही पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस मौके पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। वहीं सागरताल पर विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। इस अवसर पर ताजियों को दफनाने और विसर्जन के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। वहीं गली, मोहल्लो, चौराहों और व्यस्त बाजारों में पुलिस का विशेष पहरा है।












