कांग्रेस, भाजपा में हाईकमान तय करेगा टिकट!
वरिष्ठ नेताओं के सहारे टिकट की आस रखने वाले मायूस
ग्वालियर। प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए दावेदारी कर रहे भाजपा और कांग्रेस के उन उम्मीदवारों को निराश होना पड़ सकता है जो कि इसके लिए वरिष्ठ नेताओं के सहारे हैं और लगातार दिल्ली और भोपाल के चक्कर लगा रहे हैं। बताया जाता है कि इस बार दोनों ही प्रमुख दलों में हाईकमान ही प्रत्याशी तय करेगा।
सूत्र बताते हैं कि टिकट प्राप्त करने की दौड़ में शामिल उम्मीदवारों को बड़े-बड़े नेताओं से भी कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। आमतौर पर अब तक उन नेताओं के समर्थकों को आसानी से टिकट मिल जाता था जो कि पार्टी के महत्वपूर्ण मामलों में अपनी दखल रखते हुए हाईकमान के भी करीब समझे जाते थे। किंतु पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि दोनों ही प्रमुख पार्टियों के बड़े-बड़े नेता अपने समर्थकों को, यह भरोसा नहीं दिला पा रहे हैं, कि उनका टिकट पक्का है।
सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव के लिए दोनों ही दलों ने कई सर्वे कराए हैं। इसमे विशेष बात यह है कि इस बार केंद्रीय इकाई स्वयं हस्तक्षेप कर रही है। उन्होंने जो सर्वे कराए हैं, उसमें राज्य के पदाधिकारियों को उसकी जानकारी नहीं दी है। इसके चलते दोनों ही दलों के प्रमुख नेता यह कह रहे हैं, कि इस बार जीतने वाले प्रत्याशी को ही टिकट मिलेगी। इस स्थिति में कद्दावर नेताओं द्वारा यह कहे जाने से उनके समर्थक बड़े मायूस हैं, उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा कि वह किस तरह और किसके सहारे टिकट हासिल करने का प्रयास करें
भाजपा दिग्गज मौन
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, संगठन महामंत्री सुहास भगत और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे जैसे वरिष्ठ और पार्टी में ऊपर तक अपनी दखल रखने वाले नेता भी टिकटों को लेकर मौन धारण किए हुए हैं। स्थिति यह है कि वह अपने खास समर्थकों को ही कोई भरोसा नहीं दिला पा रहे हैं। ऐसा पहली बार है जबकि मंत्री और वर्तमान विधायक अनिर्णय की स्थिति का सामना कर रहे हैं।
कांग्रेस के दिग्गजों ने भी साधी चुप्पी
कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी एवं आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया और सुभाष यादव भी अपने समर्थकों को आश्वस्त नहीं कर पा रहे हैं, कि उनकी टिकट पक्की है। कांग्रेस में भी यह कहा जा रहा है कि जीतने वाले प्रत्याशी को ही टिकट मिलेगा। भले वह किसी भी गुट का हो। इस बार क्षेत्रीय क्षत्रपों का कोई कोटा नहीं है। नाही उनके अनुसार टिकट बंट रहे हैं। यह कहा जा रहा है की केंद्रीय नेतृत्व में अलग से तीन सर्वे कराए हैं। उसमें और पैनल में शामिल लोगों के बीच में गुण दोष के आधार पर टिकटों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। जिससे विधानसभा का चुनाव की टिकट मांगने वाले आवेदक नेताओं के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
कांग्रेस, भाजपा में हाईकमान तय करेगा टिकट !
स्टेट न्यूज़,आर्टिकल ,सिटी लाइव, Oct 07 2018












