चुनाव में लाभ लेने भाजपा आई राजमाता की शरण में
सिंधिया परिवार को अंग्रेजों का दोस्त बताने वाले पवैया की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
ग्वालियर। विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे समय भाजपा लाभ लेने का कोई भी मौका नहीं चूकना चाहती। यही कारण है कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया के जन्मशताब्दी वर्ष के नाम पर पार्टी के महिला मोर्चा द्वारा शहर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन सभी आयोजनों में भाजपा सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। वहीं राजमाता को नमन् कर यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। कि पार्टी उनके प्रति कितनी समर्पित है। इसी के चलते अब तक राजमाता की जयंती और पुण्यतिथि पर कभी श्रद्धांजलि अर्पित करने नहीं आए पार्टी के दिग्गज नेता और मंत्री भी उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करने उनके छत्री स्थित समाधि स्थल पर पहुंच गए। इसके साथ ही इस मौके पर आयोजित अन्य कार्यक्रमों में ऐसे नेता भी शामिल थे जो कि सिंधिया खानदान को अब तक गद्दार बताते आए हैं। राजमाता विजयाराजे सिंधिया के जन्म शताब्दी वर्ष पर उनके छत्री स्थित समाधि स्थल पर भाजपा की ओर से पुष्पांजलि सभा आयोजित की गई थी। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, महापौर विवेक शेजवलकर, मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, माया सिंह ने यहां पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उधर इस अवसर पर आयोजित मैराथन दौड़ में मंच पर मंत्री जयभान सिंह पवैया भी इस मौके पर दिखाई दिए। उल्लेखनीय है कि अब तक श्री पवैया सिंधिया खानदान को गद्दार बताते आए हैं लेकिन अब जबकि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं तो वह ऐसा कोई भी मौका नहीं चूकना चाहते जिससे कि उन्हें लाभ मिलने वाला हो। उधर इससे पहले भाजपा और उनके शीर्ष नेताओं के कार्यक्रमों में मंच पर राजामाता सिंधिया का चित्र नहीं लगाए जाने पर उनकी पुत्री और मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया कई बार नाराजगी जता चुकी हैं। लेकिन अब जबकि विधानसभा चुनाव नजदीक है तो भाजपा राजमाता को याद कर रही है। इतना ही नहीं इसमें ऐसे नेता और उनके समर्थक भी दिखाई दे रहे हैं जो कि सिंधिया खानदान को हमेशा बुरा भला कहते हुए गद्दार और अंग्रेजों का दोस्त बताते रहे हैं।
संघ के पदाधिकारी भी आ चुके हैं समाधि पर
उल्लेखनीय है कि चुनाव के दौरान भाजपा राजमाता सिंधिया के नाम का पूरा लाभ उठाने का प्रयास कर रही है। यही कारण है कि कुछ दिन पहले कुछ वरिष्ठ भाजपा नेता और संघ के पदाधिकारी भी छत्री स्थित समाधि पर पहुंचकर नमन् कर चुके हैं जबकि इससे पहले यह नेता कभी भी यहां दिखाई नहीं दिए।







