विधानसभा चुनाव 2018 - भाजपा लगाएगी नेता पुत्रों पर दांव!
ग्वालियर। कांग्रेस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाने वाली भाजपा इस बार पूरी तरह इस रंग में रंगी दिखाई दे रही है। यह चर्चा जोरों पर है कि पार्टी अंचल की अधिकतर सीटों पर नेता पुत्रों को मैदान में उतार सकती है। इनमें केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के पुत्र देवेन्द्र प्रताप सिंह तोमर उर्फ रामू का नाम सबसे आगे है। इतना ही मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर नेता पुत्र ने शहर के प्रमुख चौराहों एवं सड़कों को पोस्टर वेनरों से पाट दिया है। वही नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रभात झा के पुत्र तुष्मुल झा के होर्डिंग बेनर, आने वाले विधानसभा चुनाव में दावेदारी का संकेत दे रहे है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा अबतक कांग्रेस को यह कहकर निशाना बनाती रही है कि उसमें भाई-भतीजा और परिवारवाद को बढ़ावा देती आई है। हालांकि इसके लिए मूल रूप से नेहरू-गांधी परिवार उसके निशाने पर होता है लेकिन अब उसके नेता और मंत्री ही अपने पुत्रों को राजनीति के मैदान में अपने उत्तराधिकारी के रूप में लांच करने में लगे हैं। इसी के चलते विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से नेता पुत्रों को अधिकतर सीटों पर प्रत्याशी बनाया जा सकता है।
सबसे आगे रामू भैया
विधानसभा चुनाव में उतरने वाले नेता पुत्रों में सबसे अधिक चर्चा केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के पुत्र देवेन्द्र प्रताप सिंह तोमर उर्फ रामू भैया की चल रही है। यूं तो पिछली बार भी वह ग्वालियर लोकसभा सीट से दावेदार थे लेकिन किसी कारणवश उन्हें टिकट नहीं मिल सका। इस बीच पिछले पांच वर्षो में रामू पार्टी के साथ ही सामाजिक कार्यक्रमों के मंच पर दिखाई दिए हालांकि इस दौरान भी उनकी पहचान अलग नहीं बल्कि केन्द्रीय मंत्री के पुत्र के रूप में ही होती रही है।वही रायशुमारी में इनका नाम नम्बर एक पर रहा। इस बार एक बार फिर वह ग्वालियर विधानसभा से दावेदार हैं।
तुष्मुल झा
अब तक गांधी परिवार के साथ ही सिंधिया पर भी परिवार वाद सहित अन्य गंभीर आरोप लगाने वाले भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद प्रभात झा भी इस विधानसभा चुनाव में अपने पुत्र तुष्मुल झा को उतारने की तैयारी कर रहे हैं। तुष्मुल फिलहाल युवा मोर्चा नेता हैं, लेकिन अब भी पार्टी के मंच और कार्यक्रमों में वे काफी कम दिखाई दिए हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी इस बार कुछ विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के टिकट काट कर नए चेहरों को मौका दे सकती है। बताया जाता है कि यह मौका नेता पुत्रों को मिल सकता है। इसके चलते पार्टी के दिग्गज नेता अपने पुत्रों को टिकट दिलाने के प्रयास कर रहे हैं।
पीताम्बर सिंह
नेता पुत्रों को यदि मौका दिया जाता है तो इसमें एक और नाम प्रदेश की मंत्री माया सिंह के पुत्र पीताम्बर सिंह का भी सामने आ रहा है। हालांकि पिछले चुनाव में उन्होंने अपनी माताश्री के लिए जमकर प्रचार-प्रसार किया था लेकिन इस बार जबकि माया सिंह को टिकट नहीं दिए जाने की चर्चा चल रही है तो ऐसे में वह पीताम्बर को ग्वालियर पूर्व से अपनी जगह टिकट दिलाने का प्रयास कर सकती हैं।
सुकर्ण मिश्रा
नेता पुत्रों की दावेदारी को बल मिलते ही पिछले कुछ वर्षों से इस ओर लगातार अपने पुत्र सुकर्ण मिश्रा को राजनीतिक और सामाजिक मंच पर आगे लाने के प्रयास में लगे प्रदेश सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी इस उन्हें चुनाव में उतारने की तैयारी कर रहे हंै। सूत्रों की मानें तो इसके लिए वह दतिया से टिकट का प्रयास कर रहे हैं।
राजेश सोलंकी
इसी लाइन में वरिष्ठ भाजपा नेता और वर्तमान में त्रिपुरा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी के पुत्र राजेश सोलंकी भी हैं। संघ में अपनी पैठ रखने वाले राजेश पिछली बार से ही दावेदारी जता रहे हैं। लेकिन अब जबकि पार्टी भी इस ओर बढ़ रही हैं तो ग्वालियर दक्षिण से उनका नाम भी चल पड़ा है। फिलहाल पार्टी के सभी कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका में दिखाई दे रहे हैं।
राकेश सिंह
मंत्री रुस्तम सिंह के पुत्र राकेश सिंह का नाम भी विधानसभा च३ुनाव में मुरैना से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चल रहा है। सूत्रों की मानें तो मंत्री रुस्तम सिंह भी अपने उत्तराधिकारी के रूप में लम्बे समय से उन्हें आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। यदि पत्ते सही बैठ गए तो राकेश भी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।







