भाजपा-कांग्रेस के दावेदारों की धड़कनें तेज
देर रात तक आ सकती है प्रत्याशियों की सूची
ग्वालियर। विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार 2 नवम्बर से नामांकन दाखिली की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लेकिन अब तक भाजपा और कांग्रेस दोनों में से कोई भी अपने प्रत्याशियों के नाम फायनल नहीं कर सका है। हालांकि आज देर रात तक उम्मीदवारों की सूची जारी हो सकती है, जिसके चलते दावेदारों की धड़कनें तेज हो गईं हैं।
कल शुक्रवार से नामांकन भरे जाने का काम शुरू हो जाएगा। वहीं कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों की ओर से आज गुरुवार देर रात तक प्रत्याशियों का एलान किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए यह दल चुनाव तारीखें घोषित होने के बाद से ही मंथन कर रहे हैं लेकिन अब तक इसमें सफल नहीं हो सके। इधर अपनी-अपनी उम्मीदवारी की आस लगाए बैठे दावेदार उलझन और असमंजस में हैं कि उनकी लॉटरी लगेगी अथवा नहीं।
घोषणा से पहले अंतिम प्रयास
दावेदारों की बात करें तो कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही इनकी लम्बी सूची है। जिसके चलते वरिष्ठ नेतृत्व को भी निर्णय लेने में परेशानी हो रही है। इधर दावेदार नामों का एलान होने से पहले अंतिम प्रयास कर रहे हैं और सभी दांव आजमा रहे है जिससे किसी भी तरह उन्हें टिकट मिल जाए। इसके लिए जहां अब भी कई लोग दिल्ली और भोपाल में डेरा जमाए हुए हैं तो कुछ वरिष्ठों को किसी भी तरह प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन घोषणा से पहले इन सभी की धड़कनें तेज हो गई हैं। उन्हें यह डर भी हे कि इतने प्रयासों के बावजूद भी कहीं उनका टिकट न कट जाए।
एलान से पहले फिर होंगी बैठकें
बताया जाता है कि आज देर रात तक दोनों ही दल अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकते हैं। लेकिन इससे पहले दिनभर दिल्ली में गहमा गहमी और बेठकां का दौर जारी रहेगा। भाजपा ने जहां सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए अब तक 60 चेहरे बदल दिए हैं। इनमें से अधिकतर विधायक या फिर वह लोग हैं जो कि पिछली बार चुनाव हार गए थे। सूत्रों की मानें तो करीब 170 सीटों पर प्रत्याशियों का चयन हो गया है। नामों की घोषणा से पहले आज पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ दिल्ली में मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक है। उधर कांग्रेस ने भी बुधवार को दिनभर दिल्ली में बैठकें कीं। इसमें सभी230 सीटों पर चर्चा हुई। इसके बाद यह संकेत दिए गए कि गुरुवार को प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की जा सकती है। इसमें 46 विधायकों के साथ ही 5000 से कम मतों के अंतर से हारे प्रत्याशियों में से अधिकतर की लॉटरी लग सकती है।







