भाजपा-कांग्रेस को भितरघातियों से खतरा
अधिकृत प्रत्याशियों को पराजित कराने के प्रयास में लगे बागी
ग्वालियर। विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल कर अपनी-अपनी सरकार बनाने का दावा कर रहीं भाजपा और कांग्रेस के लिए पार्टी की अन्दरूनी कलह ही रोड़ा बनती दिखाई दे रही है। स्थिति यह है कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिले वह अब अपनी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों को पराजित कराने के प्रयास में जुट गए हैं।
हर बार की तरह इस बार भी दोनों ही दलों में एक-एक सीट के लिए दावेदारों की लम्बी कतार थी। इसके चलते जिसे टिकट नहीं मिला उसने ही विरोध का झण्डा खड़ा कर दिया। इनमें से कुछ तो पार्टी छोड़कर किसी अन्य पार्टी के टिकट पर तो कुछ निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर गए हैं।
कुछ सामने तो कुछ पाटी्र्र में रहकर ही कर रहे हैं दगा
चुनाव में अपनी पार्टियों से खफा दावेदार सामने आकर पार्टियों को नुकसान पहुंचा रहे लेकिन इससे भी अधिक खतरनाक वह लोग हैं जो कि पार्टी के अन्दर ही रहकर भितरघात करने में लगे हैं। यह नेता अपने समर्थकों के साथ पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। यह झण्डा तो एक पार्टी का पकड़े हैं लेकिन काम विरोधी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए कर रहे हैं।
बागियों को बाहर करने से भी नहीं हो रहा लाभ
हालांकि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही पार्टी से बगावत करने वालों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। लेकिन इसका भी कोई लाभ उन्हें होता नहीं दिख रहा। क्यों कि इनसे अधिक खतरनाक पार्टी में रहकर अधिकृत प्रत्याशियों के लिए काम करने वाले साबित हो रहे हैं। यह लोग खुलकर भले ही विरोध न करें लेकिन पार्टी के वोट बैंक में सेंध लगाकर प्रत्याशी की हार का कारण अवश्य ही बन सकते हैं।
भाजपा-कांग्रेस को भितरघातियों से खतरा
स्टेट न्यूज़ ,सिटी लाइव, Nov 23 2018







