कांग्रेस की नजर 2019 पर
सिंधिया को मिलेगी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी!
ग्वालियर। तीन राज्यों मेें जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस के हौंसले बुंलद हैं और अब उसकी नजर 2019 के चुनाव पर है। और इसके लिए पार्टी ऐसे युवा चेहरों को आगे बढ़ाकर फतह हासिल करने के प्रयास मेें रहेगी जिन्होंने कि विधानसभा चुनावों में पार्टी को शानदार विजय दिलाने में अहम् भूमिका निभाई है। इनमें एक प्रमुख नाम पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। और यह जिम्मेदारी उन्होंने बखूबी निभाई। इसके चलते जहां अपने सबसे अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र में अकेले की दम पर सिंधिया ने 34 में से 26 सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को जीत दिलवा दी। वहीं मालवा सहित अन्य क्षेत्रों में भी उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवारों को जीत दिलवाने में प्रमुख भूमिका अदा की।
समर्थकों में उत्साह
स्थानीय नेता ही नहीं बल्कि हाईकमान भी यह अच्छी तरह जानता है कि मप्र की जीत में सिंधिया का अहम् योगदान है। लेकिन उनके समर्थक जिनमें विधायक भी शामिल हें। जो कि उन्हें मुख्यमंत्री ना बनाए जाने पर कुछ नाराज दिखाई दे रहे हैं, उनकी मांग है कि अब सिंधिया को उप मुख्यमंत्री अथवा प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। लेकिन यह अतिउत्साह है जो कि पार्टी की छवि को बिगाड़ रहा है।
सिंधिया की होगी अहम् भूमिका
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की नजर अब वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर है। और हाईकमान समझता है कि सिंधिया प्रदेश चुनाव की तरह केन्द्र के चुनाव में भी पार्टी की जीत के लिए अहम् भूमिका निभा सकते हैं। सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव के दौरान सिंधिया को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इतना ही नहीं यदि इसके बाद कांग्रेस की सरकार बनती है तो निश्चित ही मंत्रिमण्डल में सिंधिया को बड़ा विभाग दिया जाएगा।
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अतिउत्साह बिगाड़ेगा कांग्रेस की छवि
इधर सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग को लेकर नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा किया जा रहा धरना प्रदर्शन कांग्रेस की छवि को बिगाड़ सकता है। चुनावों के दौरान कांग्रेस की जो गुटबाजी दबी रही वह फिर से लोगों के सामने आती दिखाई दे रही है जो कि ना तो पार्टी की नई सरकार के लिए अच्छी है और ना ही आने वाले लोकसभा चुनावों के ीिलए।







