तानसेन संगीत समारोह 24 से , देश-विदेश से आएंगे जाने-माने ब्रह्मनाद के साधक

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तानसेन संगीत समारोह 24 से  
देश-विदेश से आएंगे जाने-माने ब्रह्मनाद के साधक 

 ग्वालियर। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन संगीत समारोह का आयोजन ग्वालियर में 24 से 29 दिसम्बर तक किया जाएगा। समारोह में देश-विदेश से शामिल होने आ रहे ब्रह्मनाद के शीर्षस्थ साधक गान मनीषी तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे। मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के लिये  उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी व मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा प्रति वर्ष तानसेन समारोह का आयोजन किया जाता है। समारोह के अन्तर्गत 24 दिसम्बर की शाम को उपशास्त्रीिय संगीत कार्यक्रम गमक का आयोजन इंटक मैदान हजीरा पर होगा। 
नौ संगीत सभा होंगी
तानसेन समारोह में इस बार कुल 9 संगीत सभाएं होंगी। पहली 7 सभाएं सुर सम्राट तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में भव्य एवं आकर्षक मंच पर सजेंगी। समारोह की आठवीं एवं प्रात:कालीन सभा तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे सजेगी। किला परिसर स्थित गूजरी महल के समीप समारोह की नौवीं एवं आखिरी संक्षिप्त संगीत सभा 29 दिसम्बर शाम को आयोजित होगी। उल्लेखनीय है कि शास्त्रीय संगीत के महान पोषक राजा मानसिंह तोमर की प्रेयसी मृगनयनी गूजरी महल में ही सुर सम्राट तानसेन से संगीत का प्रशिक्षण प्राप्त करती थीं। इसी बात को ध्यान में रखकर गूजरी महल परिसर में समारोह की अंतिम संगीत सभा आयोजित की जा रही है। तानसेन समारोह की प्रात:कालीन संगीत सभाएं प्रात:10 बजे और सायंकालीन सभाएं शाम 7 बजे शुरू होंगीं। 

 विश्व संगीत की प्रस्तुतियां होंगी आकर्षण का केन्द्र 
    इस बार के संगीत समारोह में भी गत वर्ष की भांति विश्व संगीत को शामिल किया गया है। समारोह में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विदेशी संगीत साधक प्रस्तुतियां देंगे।
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हरिकथा, मीलाद एवं शहनाई वादन से होगा शुभारंभ 
    गान महर्षि तानसेन की स्मृति में आयोजित होने वाले तानसेन समारोह के अपने अलग ही रंग हैं। समारोह के शुभारंभ दिवस को प्रात: काल में तानसेन की समाधि पर सामाजिक समरसता के सजीव दर्शन होते हैं। इस बार भी 25 दिसम्बर को प्रात:काल  तानसेन की समाधि पर पारंपरिक रूप से हरिकथा, मीलाद शरीफ गायन और शहनाई वादन होगा। 
तानसेन अलंकरण व राजा मानसिंह तोमर राष्ट्रीय सम्मान दिया जाएगा। राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण एवं राजा मानसिंह तोमर राष्ट्रीय सम्मान भी इस साल के समारोह में दिए जाएंगे। तानसेन समारोह के तहत 25 दिसम्बर को सायंकालीन सभा में यह अलंकरण प्रदान किए जाएंगे। 
प्रदर्शनियांभी लगेंगीं  
    तानसेन समारोह पर केन्द्रित कलात्मक छायाचित्रों की प्रदर्शनी भी पूर्व वर्षों की भांति मुख्य समारोह स्थल पर लगाई जाएंगी। ग्वालियर क्षेत्र की कला के प्रोत्साहन स्वरूप शासकीय ललितकला महाविद्यालय में रंग संभावना शीर्षक से प्रदर्शनी भी लगेगी। यह प्रदर्शनी कला प्रेमियों को अपनी कला के साक्षात्कार करने का माध्यम बनेगी। 
वादी-संवादी कार्यक्रम
    तानसेन समारोह की संगीत सभाओं के साथ-साथ एक अन्य महत्वपूर्ण गतिविधि वादी-संवादी का भी इस साल आयोजन होगा। इस आयोजन में संगीत रसिकों के विचारों से संगीत प्रेमी रूबरू होते हैं। इस साल 27 व 28 दिसम्बर को यह कार्यक्रम पड़ाव स्थित तानसेन कलावीथिका में आयोजित होगा। 



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