कौन बनेगा मंत्री, लगने लगे कयास
इमरती, प्रद्युम्न, लाखन, मुन्ना के नाम
ग्वालियर। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अब यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमण्डल में किस-किस को जगह मिल सकती है। यदि जिले की ही बात करें तो यहां छह में से पांच सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। इनमें से चार पर ऐसे उम्मीदवारों ने विजय हासिल की है जो कि अपनी वरिष्ठता के आधार पर इस लाइन में बताए जा रहे हैं।
17 दिसम्बर को नए मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ शपथ ले चुके हैं। लेकिन अभी उनका मंत्रिमण्डल तय नहीं हो सका है। इस पर आज शुक्रवार को वह कांग्रेस हाईकमान से चर्चा करने दिल्ली पहुंच रहे हैं। इसके बाद 23 दिसम्बर को मुख्यमंत्री के सहयोगी मंत्री शपथ ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए विभिन्न नामों को लेकर जीत के दूसरे दिन से ही कयास लगाए जाने लगे हैं। इतना ही नहीं लोग तो यह भी अनुमान लगाने में जुटे हैं कि किसे कौन सा मंत्रालय मिल सकता है।
किस की खुलेगी किस्मत
चुनाव में जीत हासिल करने के बाद विधायक बने कांग्रेस नेता अब इस जुगाड़ में हैं कि उन्हें किसी भी तरह मंत्रिमण्डल में जगह मिल जाए। उधर जिस तरह अंचल में कांग्रेस ने 34 में से 26 सीटों पर कब्जा किया है उससे यह तय माना जा रहा है कि मंत्रिमण्डल मेें पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों का दबदबा रहना तय है। इसके पीछे एक और बड़ा कारण यह भी है कि सिंधिया को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है जो कि उनके समर्थित विधायक चाहते थे। जहां तक जिले से मंत्री बनाए जाने का सवाल है तो पांच में चार नवनिर्वाचित विधायकों के नाम चल रहे हैं। इनमें सबसे पहला नाम लगातार चौथी बार और बड़े अंतर से डबरा सीट से चुन कर आईं इमरती देवी सुमन का है। इसके पीछे कारण उनका अब तक अपराजित रहना भी है। यह सिंधिया की कट्टर समर्थक मानी जाती हैं। इन्हें मंत्रिमण्डल में जगह ही नहीं बल्कि दमदार मंत्रालय भी मिल सकता है।
इसके बाद नाम आता है ग्वालियर पूर्व से चुनाव जीते मुन्नालाल गोयल का। वे लगातार तीसरी बार इसी सीट से चुनाव लड़े थे। जैसे कि चर्चाएं रहीं हैं पिछले दो चुनावों में उनकी हार का मार्जिन काफी कम रहने के साथ ही यह भी कहा जाता रहा है कि उन्हें हर बार टेबल पर हराया गया। वहीं इस बार वह विधायकों में अकेले ऐसा चेहरा हैं जो कि वैश्य समाज का प्रतिनिधित्व करता है। यह भी सिंधिया समर्थक हैं और सिङ्क्षधया ही इन्हें सपा से कांग्रेस में लेकर आए थे। इसके बाद लाखन सिंह का नाम लिया जा रहा है। बसपा से कांग्रेस में आए लाखन सिंह लगातार तीसरी बार भितरवार से चुनाव जीते हैं और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी एंव सांसद अनूप मिश्रा को हराया है। इन सब कारणों के चलते उन्हें मंत्रिमण्डल में जगह मिल सकती है। वहीं चौथा नाम ग्वालियर सीट से भाजपा विधायक और दिग्गज नेता जयभान सिंह पवैया को बड़े मार्जिन से मात देने वाले कांग्रेस प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर का है। वे इससे पहले वाले चुनाव में पवैया से ही चुनाव हार चुके हैं लेकिन इस बार उन्होंने इसका बदला ले लिया। इन्हें भी मंत्रालय में उचित स्थान दिए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
दमदार मंत्रालय मिलेंगे!
जिले या अंचल से विजय हासिल करने वाले अधिकतर प्रत्याशी सिंधिया समर्थक ही माने जाते हैं। इनमें से यदि जिले की ही बात की जाए तो यहां से चार विधायक मंत्री पद हासिल करने की लाइन मेें हैं। इनमें से जिन्हें भी मंत्री बनाया जाएगा उन्हें दमदार मंत्रालय मिलने की पूरी संभावना है। वहीं मंत्रिमण्डल में भी सिंधिया समर्थकों का दबदबा रहेगा।












