लम्बे समय से एक ही जगह जमे
निगम अधिकारियों पर भी गिरेगी गाज
ग्वालियर। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही प्रशासनिक सर्जरी शुरू हो गई है। इसके चलते अब तक कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी इधर से उधर किए जा चुके हैं। वहीं ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों पर भी नजर है जो कि वर्षों से एक ही जगह पर जमे हुए हैं। इस स्थिति में अब निगम अधिकारियों पर भी गाज गिरने वाली है।
प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता परिवर्तन हुआ है और शासन की कमान भाजपा से हटकर कांग्रेस के हाथ में आ गई है। इसके साथ ही अब तक उच्च और मलाईदार पदों पर जमे भाजपा नेताओं के करीबी अधिकारी और कर्मचारियों के स्थान परिवर्तन किए जा रहे हैं। इस कड़ी में अब तक कई जिलों के कलेक्टर और अन्य उच्च अधिकारी बदले जा चुके हैं। और यह क्रम अभी जारी है।
पहले से ही करने लगे तैयारी
यूं तो सत्ता परिवर्तन के साथ ही उन अधिकारियों ने अपना सामान बांधना शुरू कर दिया था जो कि भाजपा नेताओं की कृपा से प्रशासन और निगम में वर्षों से जमे हुए हैं। विभागों में इन सभी पर मलाईदार पद भी हैं। लेकिन कांग्रेस की सरकार आते ही इन्हें यह अहसास हो गया कि अब उनकी दाल नहीं गलेगी और उन्हें यहां से रवानगी के आदेश आ सकते हैं। इसके चलते इन लोगों ने पहले से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। इनमें कई निगम अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हैं इन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है और भावी स्थिति को समझते हुए इन सभी ने अपना सामान बांध लिया है। वहीं अब उन अधिकारी-कर्मचारियों के हौंसले बुलंद हैं जिन पर कि कांग्रेस नेताओं का हाथ है।
प्रतिनियुक्ति वालों की विदाई तय
नगर निगम में अधिकतर पदों पर लम्बे समय से प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारी जमे हुए हैं। राजनीतिक संरक्षण के चलते वर्षों से यह महत्वपूर्ण विभागों के प्रभारी का पद संभाल हैं। इनमें अपर आयुक्त स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं। लेकिन इन्हें यहां से आज तक कोई नहीं चिगा सका है। लेकिन अब यह भी समझ गए हैं कि उन पर किसी भी समय वापसी के आदेश की गाज गिर सकती है।







