15 साल बाद कांग्रेसियों के आए अच्छे दिन
निगम-मण्डलों में होगी ताजपोशी
ग्वालियर। विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर 15 वर्ष बाद प्रदेश की सत्ता संभालने वाली कांग्रेस की नजर अब 2019 के लोकसभा चुनावों पर है। इसके चलते वह अपने कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह लाने के सभी प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में निगम और मण्डलों में पिछले पांच वर्ष से निगम और मण्डलों में खाली पड़े पदों को भरने की कवायद शुरू हो गई है। इतना ही नहीं इसके लिए नाम तक तय कर लिए गए हैं। जहां तक ग्वालियर जिले की बात है तो यहां सिंधिया के करीबियों का इन पदों पर काबिज होना निश्चित है।
पांच वर्ष पहले भाजपा सरकार ने सभी निगम और मण्डलों को भंग कर दिया था, लेकिन इसके बाद पूरे पांच वर्ष में यदि कुछ को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर स्थानों पर नियुक्तियां नहीं की गईं। इनमें ग्वालियर में भी केवल साडा और जीडीए में ही अध्यक्ष पदों पर नियुक्ति की गई। जबकि मेला अध्यक्ष पद आज भी खाली पड़ा हुआ है। अब जबकि कांग्रेस सत्ता में आ गई है तो वह इन सभी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी तेज हो गई है।
प्रशांत साडा, रमेश मेला अध्यक्ष और सुनील का उपाध्यक्ष बनना तय:---
जिला ही नहीं बल्कि समूचे अचंल में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का ही वर्चस्व है। इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में सिंधिया ने अकेले के दम पर 34 में से 26 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को विजय दिलाई है। इस स्थिति में इन नियुक्तियों में उनकी ही चलना तय है। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व.माधवराव सिंधिया के नजदीकी सलाहकार एवं जीडीसीए अध्यक्ष का पद संभाल चुके पूर्व आईएएस प्रंशात मेहता को साडा और संासद ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल को मेला की कमान सौंपी जा सकती है। इसके साथ ही कांग्रेस प्रदेश पदाधिकारी सुनील शर्मा को मेला प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया जाना लगभग तय है। सूत्रों की मानें तो श्री सिंधिया इन नाम पर अपनी मुहर लगाने के बाद मुख्यमंत्री के पास यह पैगाम भेज चुके हैं। अब केवल इसकी घोषणा होना बाकी है।
साडा-जीडीए हो सकते हैं मर्ज
बताया जाता है कि साडा को जीडीए में मर्ज किए जाने का भी प्रस्ताव है। वहीं निगम मण्डलों में श्री सिंधिया अपने चहेतों को कुर्सी पर काबिज कराना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने सभी नाम तय कर लिए हैं।
सिंधिया ने खेला एक और दांव
विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने में अहम् भूमिका निभाने वाले सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अब लोकसभा चुनावों में भी ऐसा ही कमाल करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके चलते वह अधिक से अधिक युवाओं को चुनाव से पहले कांग्रेस से जोडऩे का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने एक नया दांव खेला है। सिंधिया ने इसके लिए लक्ष्य सिंधिया फैलोशिप प्रोग्राम शुरू किया है जिसके माध्यम से ट्विटर के जरिए युवाओं को राजनीति से जुडऩे का आमंत्रण देते हुए उन्होंने कहा है कि यदि आप कॉलेज छात्र हैं और राजनीति में रुचि रखते हैं तो मेरी टीम का हिस्सा बनें, सिंधिया फैलो बनें। इसके लिए उन्होंने सर्वप्रथम अपने चुनाव क्षेत्र शिवपुरी,गुना और अशोक नगर के युवाओं को जोडऩे के साथ किया है। और इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 11 जनवरी तय की गई है। उनके द्वारा विधानसभा चुनावों से पहले किया गया ऐसा ही प्रयोग काफी सफल माना गया है। जिसमें प्रत्याशियों की जीत हार के गणित में युवाओं का विशेष प्रभाव रहा है।







