नरेन्द्र छोड़ेगें ग्वालियर, सिंधिया आएंगें शिवपुरी से

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नरेन्द्र छोड़ेगें ग्वालियर, सिंधिया आएंगें शिवपुरी से
ग्वालियर। आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और भाजपा ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इसके साथ ही यह रणनीति भी बनना तैयार हो गई है कि कौन, कहां से मैदान में उतर सकता है। चर्चा है कि हर बार की तरह इस बार भी केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर अपने लिए नई और सुरक्षित सीट की तलाश में हैं तो पूर्व केन्द्रीय मंत्री और गुना शिवपुरी क्षेत्र से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर से चुनाव लडऩे का मन बना रहे हैं।
निर्वाचन आयोग आम चुनाव के लिए तारीख की घोषणा मार्च माह के प्रथम सप्ताह में कर सकता है और इसमें अधिक समय शेष नहीं है। इसी के अनुसार राजनैतिक दलों ने भी अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दी है। सभी की दिलचस्पी इस बात में है कि इस बार कौन, कहां से भाग्य आजमाएगा। कौन सा दल अपने किस नेता पर किस क्षेत्र से दांव लगाएगा। और किसका टिकट कट सकता है। चुनाव में जिन दो प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है उनमें इसे लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
तोमर फिर बदलेंगे चुनाव क्षेत्र
सूत्र बताते हैं कि केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर हर बार की तरह इस बार भी अपना चुनाव क्षेत्र बदलने की तैयारी में हैं। 2009 में उन्होंने मुरैना संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता था। सूत्रों की मानें तो 2014 में जब उन्हें मुरैना में स्वयं के खिलाफ विरोध दिखाई दिया तो वे अपने और भाजपा के लिए सुरक्षित माने जाने वाली सीट ग्वालियर आ गए। चूंकि इसे भाजपा का गढ़ माना जाता है इसके चलते यहां से उनकी जीत हुई। लेकिन इस बार तोमर को यहां पर हवा अपने खिलाफ दिखाईदे रही है। इस स्थिति में उन्हें अब नए और सुरक्षित चुनाव क्षेत्र की तलाश है।
नजर राज्यसभा की ओर
सूत्र बताते हैं कि तोमर संभाग की किसी भी सीट को अपने लिए सुरक्षित नहीं मान रहे। इसके चलते वे भोपाल अथवा विदिशा पर उनकी नजर है। चूंकि वर्तमान में विदिशा से सांसद भाजपा सुषमा स्वराज चुनाव नहीं लडऩे की बात कह चुकी हैं इसके चलते यह सीट उन्हें खाली दिखाई दे रही है। सूत्रों की मानें तो अब तोमर के लिए यहां भी रोड़ा अटक गया है। क्योंकि हाईकमान ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को केन्द्रीय राजनीति का हिस्सा बनाते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। इसके चलते शिवराज इस सीट से लोकसभा प्रत्याशी हो सकते हैं। अब मात्र भोपाल ही तोमर के लिए बचता है। सूत्र बताते हैं कि अब यदि हाईकमान उन्हें यहां से चुनाव नहीं लड़वाता तो तोमर की नजर राज्यसभा की ओर रहेगी जो कि उनके लिए सबसे सुरक्षित और आसान होगी।
 सिंधिया का रुख ग्वालियर की ओर
ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र को यूं तो भाजपा का गढ़ माना जात है। यहां पर कांग्रेस की जीत उसी स्थिति में होती है जबकि महल से अथवा महल का कोई करीबी प्रत्याशी चूनाव लड़े। सूत्र बताते हैं कि इस बार पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर सीट से चुनाव लडऩे का मूड बना रहे हैं। फिलहाल सिंधिया गुना-शिवपुरी से सांसद हैं। सूत्रों की मानें तो इस बार सिंधिया की नजर ग्वालियर और गुना दोनों सीटों से ही कांग्रेस को हर हाल में विजय दिलाने की है। चूंकि विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में यशोधरा राजे शिवपुरी से जीत कर विधायक बनी हैं, इसके चलते शायद इस बार वे वहां से सांसद का चुनाव नहीं लड़ें। यदि ऐसा हुआ तो वहां से कांग्रेस की ओर से महल का ही कोई प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतर सकता है। इसके लिए प्रियदर्शिनी राजे के नाम की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। इस स्थिति में कांग्रेस दोनों ही सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। लेकिन यदि यशोधरा शिवपुरी-गुना क्षेत्र से लोकसभा के लिए भाजपा प्रत्याशी हुई तो यह निश्चित है कि फिर सिंधिया ग्वालियर से ही चुनाव लड़ेगें। 



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