रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा का साया नहीं ,श्रवण नक्षत्र का ख़ास संयोग
बहन-भाई की कलाई पर राखीबांधकर करेंगी लंबी उम्र की कामना
भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व इस बार 15 अगस्त गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के पंचांग और शुभ मुहूर्त को देखें तो रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं है। दोपहर में राहुकाल को छोड़कर पूरे दिन का समय अच्छा माना जाएगा। ऐसे में बहनें शुभ मुहूर्त में भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर लंबी उम्र की कामना करेंगी।
पूर्वांचली के अनुसार पूर्णिमा तिथि 14 अगस्त, बुधवार को दिन में 2:47 बजे से शुरू होगी जो 15 अगस्त की शाम 4:23 बजे तक रहेगी। राहुकाल दिन में 1:30 बजे से दोपहर 3 बजे है। इसलिए राहुकाल के समय को छोड़कर शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन बांधना मंगलकारी रहेगा।
12 घंटे तक का शुभ मुहूर्त
ऐसा 19 साल बाद हो रहा है जब 15 अगस्त को रक्षाबंधन पड़ा है। यह पहला अवसर है जब रक्षाबंधन पर करीब 12 घंटे तक का शुभ मुहूर्त बनने जा रहा है। इस अवधि में बहनें किसी भी समय अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध सकेंगी। यही नहीं, लंबे समय के बाद रक्षाबंधन के दिन भद्रा तिथि का साया नहीं रहेगा। यानि यह त्योहार इस बार भद्रा के दोष से मुक्त रहेगा। चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र का संयोग बहुत ख़ास रहेगा। सुबह से ही सिद्धि योग बनेगा जिसके चलते पर्व की महत्ता और अधिक बढ़ेगी।
पिछले करीब 20 वर्षों से रक्षाबंधन वाले दिन भद्रा का साया होने के चलते शुभ समय सीमित ही होता था। इस बार यह दोष नहीं होने से करीब 12 घंटे तक रक्षाबंधन का शुभ मुहुर्त होगा। यानि, बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर रक्षासूत्र इस दौरान कभी भी बांध सकेंगी। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार देव गुरु बृहस्पति ने देवराज इंद्र की विजय के लिए उसकी पत्नी को रक्षा सूत्र बांधने को प्रेरित किया था। इस बार गुरुवार को ही रक्षाबंधन होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
कई शुभ संयोग बने
रक्षाबंधन पर इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं। धार्मिक परंपरा के मुताबिक भद्रा के साए में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस बार एक साथ कई शुभ संयोग बनने के कारण रक्षाबंधन पर पूरा दिन शुभ मुहूर्त रहेगा। रक्षाबंधन वाले दिन श्रावण नक्षत्र, सौभाग्य योग, सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश करना व चंद्रमा का मकर राशि में प्रवेश करना इससे बेहद खास बना रहा है।रक्षाबंधन से चार दिन पहले ही गुरु मार्गी होकर चलने लगेंगे सीधी चाल।
श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण के साथ सूर्य कर्क व चंद्रमा मकर राशि में होंगे।
इस तरह बांधें राखी
राखी सजाते समय परंपरा का पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए रेशमी वस्त्र में केसर, सरसों, चंदन, चावल व दुर्वा रखकर भगवान का पूजन करना चाहिए। इसके बाद भाई के दाएं हाथ पर राखी बांधें। साथ ही किसी मिष्ठान से भाई का मुंह मीठा करवाएं। इसके बाद भाई भी अपनी बहन को यथासंभव उपहार देकर इस पर्व की परंपरा पूरी करें।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
14 अगस्त को दिन में 2.47 बजे से पूर्णिमा तिथि शुरू होगी। 15 अगस्त को राहुकाल दिन में 1:30 बजे से दोपहर 3 बजे को छोड़कर किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है। इसमें सुबह 5.50 बजे से लेकर शाम 6.01 बजे तक राखी बांधना शुभ रहेगा। सूर्य अस्त होने तक किसी भी समय राखी बांधी जा सकती हैं।
रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा का साया नहीं ,श्रवण नक्षत्र का ख़ास संयोग
स्लाइडर ,सिटी लाइव, Aug 14 2019
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