भारत सोने की चिड़िया था सोने की चिड़िया रहेगा

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भारत सोने की चिड़िया था सोने की चिड़िया रहेगा 
कृषि विश्वविद्यालय  11वां स्थापना दिवस समारोह

ग्वालियर / भारत स्वतंत्रता से पहले सोने की चिड़िया कहलाता था तो आज किसानों की मेहनत और कृषि वैज्ञानिकों के शोध एवं ज्ञान के कारण भारत अनाज, फल सब्जियां, दूध आदि में रिकार्ड उत्पादन करते हुए सोने की चिड़िया जैसा देश दुनिया में देखा जा रहा है। हम इस गौरव को स्थायी रखकर किसानों की आमदनी को दुगुना करते हुए भारत को समृद्ध और खुशहाली की दिशा में नए आयाम छुएंगे।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के 11वां स्थापना दिवस समारोह में यह बात रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के कुलपति डा. अरविन्द कुमार ने कही। उन्होंने मप्र को लगातार कृषि कर्मण अवार्ड मिलने में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय की अहम भूमिका बताते हुए कहा कि इन नियमित सामूहिक प्रयासों से आज मप्र गेहूं, सोयाबीन धान उत्पादन में अग्रणी है। इन सफलताओं के बाबजूद वर्षा जल संरक्षण, मृदा को बीमारी से बचाने सहित कृषि क्षेत्र की समस्याओं का हमें मिलकर समाधान करना होगा। 
अध्यक्षता कर रहे कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस. के. राव ने देश के कृषि उत्पादन में मप्र का योगदान बताते हुए कहा कि कृषि विश्वविद्यालय बीहड़ भूमि का तिलहनी फसलों के उपयोग की दिशा में सार्थक काम कर रहा है। उन्होंने छात्रों से नौकरी की चिंता की बजाय अपने कौशल को रोजगार बनाने का आहवान किया। कुलपति प्रो. राव ने विश्वविद्यालय की शोध सफलताओं एवं बीज उत्पादन और विक्रय योजना पर व्यापक प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि ग्वालियर पूर्व के विधायक एवं कृषि विश्वविद्यालय के प्रमंडल सदस्य मुन्नालाल गोयल ने कहा कि पर्यावरण के समक्ष चुनौतियों के इस दौर में किसानों और कृषि वैज्ञानिक का संवाद और सहयोग जरुरी है इसी से प्रकृति पर्यावरण , खेल खलिहान खुशहाल और हम आबाद रहेंगे। गोहद विधायक एवं प्रमंडल सदस्य रणवीर सिंह जाटव ने कृषि विश्वविद्यालय को किसानों की उन्नति के लिए निरंतर कार्य करने और उसमें स्वयं द्वारा शासन प्रशासन से हर संभव सहयोग दिलाने की बात कही।
समारोह का संचालन डा. रश्मि वाजपेयी ने किया एवं आभार कुलसचिव डी. एल. कोरी ने जताया। इस अवसर पर अधिष्ठाता कृषि संकाय डा. मृदुला बिल्लौरे, निदेशक अनुसंधान डाॅ. एम. पी. जैन, निदेशक विस्तार सेवाएं डा. आर. एन. एस. बनाफर, निदेशक शिक्षण डा. ए. के. सिंह, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डा. एस. के. वर्मा आदि मौजूद थे। 
इनका हुआ सम्मान
स्थापना दिवस पर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न अवार्ड प्राप्त करने के लिए किसानों एवं वैज्ञानिकों तथा उत्कृष्ट छात्रों का सम्मान किया गया। 
कृषि वैज्ञानिक डा. एम. यासीन, सीहोर, डा. आई. एस. तोमर, झाबुआ, डा. ए. के. बढ़ोलिया ग्वालियर, जी. एस. गठिये धार, डा. ए. के. सक्सेना सीहोर, श्रीमती गजाला खान उज्जैन, डा. के. एस. किरार धार, डा. बी. एस. गुप्ता अशोक नगर, डा. आर. पी. शर्मा उज्जैन, डा. एस. के. बढ़ोदिया बड़वानी, डा. जी. एस. कुल्मी खरगोन, डा. आर.के. एस. तोमर दतिया
उत्कृष्ट किसान
सीताराम निगवाल धार, राजपाल नरवरिया अशोकनगर, अश्विनी सिंह चैहान उज्जैन, श्रीमती ललिता मुकाती बड़वानी, बालाराम पाटीदार झाबुआ, मोहन सिंह सिसौदिया खरगोन,
विशिष्ट विद्यार्थी
मधुरजीत सिंह ,नटराजन आर्थी, यशवनी गर्ग, श्रीसितिका राजपूत । 



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