नई पहल : शिक्षा का उजाला ही प्रगति की पूँजी है – कलेक्टर

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नई पहल
शिक्षा का उजाला ही प्रगति की पूँजी है – कलेक्टर
सरपंचों के साथ चाय पर कलेक्टर ने की चर्चा 

ग्वालियर 19 अगस्त 2019/ शिक्षा के माध्यम से ही हम अपने परिवार, समाज और गाँव का विकास कर सकते हैं। शिक्षा का उजाल ही प्रगति की पूँजी है। पढ़ा-लिखा व्यक्ति ही देश के विकास में अपनी भागीदारी करता है। बिना पढ़े-लिखे प्रगति के मार्ग नहीं खुलते हैं। यह बात कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने जिले के सरपंचो के साथ चर्चा के दौरान कही। 
    कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने ग्राम पंचायतों की समस्याओं के निराकरण और उनके विकास के लिए प्रत्येक सोमवार को कलेक्ट्रेट में 10 सरपंचों के साथ चाय पर चर्चा का कार्यक्रम प्रारंभ किया है। कार्यक्रम की प्रथम कड़ी में 19 अगस्त को कलेक्ट्रेट में घाटीगाँव जनपद क्षेत्र के 10 सरपंचों के साथ कलेक्टर ने चर्चा कर उनकी समस्याओं को जाना और विकास में भागीदारी का आग्रह किया। इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत श्री शिवम वर्मा, घाटीगाँव जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, विभागीय अधिकारी सहित ग्राम पंचायत घाटीगाँव, बड़ागांव, कुलैथ, ओड़पुरा, पाटई, तिलघना, सौजना, चराईडांग, पार तथा रेहट के सरपंच एवं सचिव ग्राम रोजगार सहायक उपस्थित थे। 
    कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने सरपंचों से कहा कि ग्राम विकास की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी सरपंच होता है। जिन ग्राम पंचायतों में सरपंच विकास में अग्रसर होते हैं, वे अपनी ग्राम पंचायतों का अच्छे से विकास कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि जिले के सभी सरपंचों से अपेक्षा है कि वे अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों में शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। ग्राम पंचायत के शासकीय स्कूल अच्छे से संचालित हों, इसके लिए शासकीय शिक्षकों को भी सहयोग प्रदान करें। ग्राम पंचायत के सभी बच्चे स्कूल में नियमित जाएं और अध्ययन करें, इस बात की भी निरंतर जानकारी सरपंचों को लेना चाहिए। 
    कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने सरपंचों से यह भी अपेक्षा की कि अपनी ग्राम पंचायत को हरा-भरा बनाने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण के कार्य को हाथ में लें। ग्राम पंचायत का हर निवासी कम से कम एक पेड़ लगाए, इसके लिए निरंतर जन जागरूकता का कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वृक्षारोपण सबसे महत्वपूर्ण बड़ी है। इस बात को हम सबको समझना होगा और वृक्षारोपण करना होगा। कलेक्टर श्री चौधरी ने सरपंचों से गिरते जमीनी जल स्तर को देखते हुए पानी को बचाने के लिए अधिक से अधिक कार्य हाथ में लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक तालाब का निर्माण अवश्य कराया जाए। ग्राम पंचायत में बहते हुए पानी को रोकने के प्रबंध भी अधिक से अधिक किए जाएं। जहाँ संभव हो वहां स्टॉप डेम एवं चैक डेम का निर्माण भी किया जाए। 
    कलेक्टर श्री चौधरी ने सरपंचो से कहा कि पंचायत स्तर पर पदस्थ शासकीय अमले के माध्यम से शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाने का प्रयास किया जाना चाहिए। आंगनबाड़ी केन्द्र एवं स्कूल अच्छे से संचालित हों, इसके लिए ग्राम पंचायत के सभी लोगों को मिलकर कार्य करना चाहिए। आंगनबाड़ी केन्द्र और स्कूल में बच्चे नियमित आएं और सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाएं। यह काम ग्राम पंचायत में सरपंच को आगे आकर करना चाहिए। 
    कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने कहा कि सरपंचों द्वारा चर्चा के दौरान ग्राम पंचायत में सड़क, पानी, बिजली के संबंध में जो आवश्यकता बताई हैं, उनका परीक्षण कराकर यथाशीघ्र कार्य कराया जायेगा। जिले की सभी पंचायतें अगर विकास में भागीदार बनकर अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों का अच्छे से विकास करेंगीं तो ग्वालियर जिले का विकास भी तेजी के साथ होगा। उन्होंने कहा कि विकास का जिम्मा किसी एक व्यक्ति या सरकार का नहीं है, यह कार्य सामूहिक प्रयास का है और हम सब इसके लिए कार्य करें, ऐसा माहौल हम सबको बनाना होगा। 
    इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत श्री शिवम वर्मा ने भी ग्राम पंचायतों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला पंचायत के माध्यम से ग्राम पंचायतों में अनेक कार्य कराए जा रहे हैं। श्री शिवम वर्मा ने सरपंचों से आग्रह किया है कि वे अपनी ग्राम पंचायत को स्वच्छ ग्राम पंचायत बनाने की दिशा में भी कार्य करें। स्वच्छता के प्रति जन जागृति का कार्य करना भी हम सबका पहला दायित्व है। उन्होंने कहा कि हम सब अपने अधिकारों की बात तो करते हैं, लेकिन अपने दायित्वों के प्रति उतने संवेदनशील नहीं हैं। हम अपने दायित्वों का निर्वहन भी अच्छे से करें, ताकि हमारा गाँव और जिला बेहतर विकास कर सके। 



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