जो व्यक्ति दूसरों को धोखा देता है उसे हमेशा धोखा मिलता है-मुनिश्री

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जो व्यक्ति दूसरों को धोखा देता है उसे हमेशा धोखा मिलता है-मुनिश्री
 
 *ग्वालियर/दतिया सोनागिर* व्यक्ति जो स्वंय दूसरों को धोखा देता है उसे हमेशा धोखा मिलता है!सरल व्यक्ति सभी को पसंद आता है मगर जो गिरगिट की तरह रंग बदलता है उसकी बातों पर कोई व्यक्ति विश्वास नहीं करता है। सरल व्यक्ति सभी को पसंद आता है मगर जो गिरगिट की तरह रंग बदलता है उसकी बातों पर कोई व्यक्ति विश्वास नहीं करता है। आज आदमी की जिंदगी केले के छिलके की तरह हो गई है एक छिलका हटाओ तो दूसरा छिलका आ जाता है उसी प्रकार आदमी अनेक चहरे  की जिंदगी जी रहा है। मंदिर और दुकान की जिंदगी में उसके बहुत बड़ा अंतर है। जिसकी कथनी और करनी में अंतर होता है वह दुनिया में कभी किसी के भरोसे का पात्र नहीं बन सकता है।  जो बात मन में हो वही वचन के द्वारा कहना चाहिए जो वचन के द्वारा कहा जा रहा है वह आचरण में भी उतरना चाहिए। *यह विचार मुनिश्री प्रतीक सागर जी महाराज ने आज सोनागिर स्थित भट्टराक कोठी आचार्य पुप्षदंत सभागृह में उत्तम आर्जव  धर्म के महत्व को बताते हुए कही!*
 
 मुनि श्री ने आगे कहा कि जो व्यक्ति खोटे विचार नहीं करता,  खोटे कार्य नहीं करता, खोटे बोल नहीं बोलता, अपने दोषो को नहीं छुपाता ,वही आर्जव धर्म का पालन करता है। क्योंकि पाप को छुपाने से पाप बढ़ जाता है और पुण्य को दिखाने से पुण्य घट जाता है इसलिए पुण्य को छुपाना चाहिए पाप को दिखाना चाहिए। जिससे पाप कम हो सके पूजा प्रार्थना करते समय हमारे मन में सरलता का भाव होना चाहिए दूसरे को दिखाने का भाव नहीं मुनि श्री ने आगे कहा कि सर्प भी अपने बिल में जब प्रवेश करता है तो सीधा हो जाता है उसी प्रकार हम भी जब धार्मिक स्थानों पर जाएं तो सरल और निर्मल परिणामों के साथ जाए ।वहां किसी को धोखा देने नहीं परमात्मा तत्व की प्राप्ति के लिए जाएं। जो दुनिया को धोखा देता है वह माफ कर दिया जाता है। मगर जो मंदिर में बैठकर स्वयं को धोखा देता है उसे दुनिया की कोई भी अदालत माफ नहीं कर सकती है।उसे तो सजा भोगना ही पड़ती है ।संध्याकालीन समय में 
महाआरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए जिसमें बच्चों द्वारा सुंदर प्रस्तुति दी गई


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