पार्टी विद डिफरेंस का जुमला थामे राजनीति करने वालों का वीआईपी कल्चर सुर्खियां बंटोर रहा है। जमीन से दूर सत्ता सुख में मदमस्त कमल दल के साथी बोस के साथ एसी कमरों में माथापच्ची तो कर रहे है, पर जमीन को नहीं भांप रहे।
आपको बताते चलें कि मोदी के दिल्ली की सत्ता में आने के बाद वीआईपी कल्चर पर रोक लगाने का असर मप्र में दिखता नहीं। यहां के मठाधीश चुनावी मोड़ में आने के बाद भी इस कल्चर से ग्रस्त है। यह कल शाह साहब के दौरे के दौरान भी दिखा। सरकार चुनावी मोड़ में आ चुकी है और आज भी जमीन पर ना उतरकर पार्टी विद डिफरेंस के राज्य के आला नेता एसी कमरों में बैठकर चुनावी तैयारियां कर रहे है। जबकि पिछले दिनों उपचुनावों में पूरी ताकत झोंकने के बाद करारी हार का तमाचा मिला है। अब जब चुनावों में कुछ ही माह शेष है, तब भी पार्टी जमीन से दूर आसमान और एसी कमरों तक सीमित है।
हवा से नेता आते है, कार्यकर्ता की सुध लिये बिना नेताओं से मिलकर निर्देश देकर निकल जाते है। परंतु जमीन की किसी को फिक्र नहीं। जबकि विपक्ष हमलावर हो चुका है। खुद राज्य के सबसे बड़े चेहरे के उपचुनावों में डेरा डालने और तमाम आश्वासनों के बाद पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में भी सिर्फ हवा हवाई और घोषणाओं तक सरकार और पार्टी सिमट कर रह गई है। लगता है पार्टी विद डिफरेंस वाकई में काफी डिफरेंट हो गई है।
एसी कमरों तक सिमटी पार्टी विद डिफरेंस
नेशनल न्यूज़,इंटरनेशनल न्यूज़,स्पोर्ट्स, Aug 23 2018
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