ग्वालियर। चुनाव नजदीक आते ही भाजपा को अपने कार्यकर्ताओं की याद आ गई है। स्थिति यह है कि पिछले कई चुनावों में पार्टी की जीत के लिए कमरतोड़ मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को 15 साल बाद भी उनकी मेहनत का उचित पारिश्रमिक नहीं दिया गया। वहीं अब जबकि एक बार फिर चुनाव सामने हैं तो काम निकालने और चुनावों में मेहनत कराने के लिए मात्र पार्टी प्रकोष्ठों में उन्हें पद देकर लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि पिछले लम्बे समय से मण्डल और निगमों में खाली पड़े अध्यक्ष व अन्य बड़े पदों पर उनकी नियुक्ति नहीं की गई जिससे कार्यकर्ता अपने को ठगा महसूस कर रहा है लेकिन अब जबकि चुनाव सामने हैं तो उन्हें प्रकोष्ठों में पद देकर झुनझुना पकड़ाया जा रहा है।
वरिष्ठों ने दिलवाए करीबियों को पद
पिछले तीन चुनावों में लगातार मेहनत करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी को जीत दिलाकर उसे सत्ता पर काबिज कराने में अहम् भूमिका निभाई, लेकिन इसमें से दस वर्ष के कार्यकाल को यदि छोड़ भी दिया जाए तो पिछले पांच वर्ष से निगम और मण्डलों में खाली पड़े पदों पर उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई। वहीं जिन स्थानों पर नियुक्तियां हुईं वहां भी ऐसे लोगों को लाभ मिला जो कि किसी वरिष्ठ नेता, मंत्री या पार्टी पदाधिकारी के करीबी रहे हों। वहीं चुनाव नजदीक आते ही अब उन्हें प्रकोष्ठों में पद देकर झुनझुना पकड़ाया जा रहा है।
इन प्रकोष्ठों में इन्हें मिले पद
भाजपा के संभागीय संगठन मंत्री शैलेंद्र बरूआ ने मंडलों के प्रभारी और सहप्रभारी तथा विभिन्न मोर्चा प्रकोष्ठों का प्रभार जिन कार्यकर्ताओं का सौंपा है, उनमें भगत सिंह मंडल का प्रभारी रामेश्वर भदौरिया, सहप्रभारी सोनू मंगल, रामकृष्ण मंडल का प्रभारी राकेश गुप्ता व सह प्रभारी हरिसिंह तोमर, सावरकर मंडल का प्रभारी महेश उमरैया, सहप्रभारी देवेंद्र पवैया, पं दीनदयाल मंडल का प्रभारी शरद गौतम, सहप्रभारी श्रीमती रीना सोलंकी, हेमूकालानी मंडल का प्रभारी अशोक जादौन, सहप्रभारी प्रमोद खंडेलवाल, विवेकानंद मंडल का प्रभारी कमल माखीजानी, सहप्रभारी गीता बड़ौरी, दुर्गादास मंडल का प्रभारी कनवर मंगलानी, सहप्रभारी गजेंद्र राठौर, लक्ष्मीबाई मंडल का प्रभारी श्रीमती रेखा धोलाखंडी, सहप्रभारी राकेश खुरासिया, कोटेश्वर मंडल का प्रभारी श्रीमती सुनीता शिवहरे, सहप्रभारी दीपक शर्मा शामिल हैं।











