अजीत जोगी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

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अजीत जोगी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत 
रायपुर,। चुनाव के ठीक पहले अजीत जोगी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अजीत जोगी के जाति मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। इस मामले में आज सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने संतकुमार नेताम की याचिका को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- याचिका में कोई दम नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है। 
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में अजीत जोगी के वकील राहुल त्यागी ने बताया कि “सुप्रीम कोर्ट में अजीत जोगी की जाति के मुद्दे पर जो याचिका दायर की गयी थी, वो खारिज हो गयी है, सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर हाईकोर्ट के डिसीजन को बरकरार रखा है”
दरअसल हाईपावर कमेटी ने अजीत जोगी को आदिवासी नहीं मानते हुए उनके जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया था। इस फैसले को अजीत जोगी ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया था, हाईकोर्ट ने इस मामले में हाईपावर कमेटी पर ही सवाल उठाते हुए अजीत जोगी को जाति मामले में ये कहते हुए स्टे दे दिया था, कि राज्य सरकार से एक नयी कमेटी बनाकर इस मामले की जांच करे। हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने फिर से कमेटी बनायी थी। इसी बीच संतकुमार नेताम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाईपावर कमेटी के फैसले को बरकरार रखने की मांग की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने संतकुमार नेताम की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि, हाईकोर्ट ने जो निर्णय दिया है, वो सही है, इसलिए इस मामले में अलग से कोई निर्देश जारी करने की जरूरत नहीं है।
अजीत जोगी के जाति मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अजीत जोगी की जाति मामले में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाई गई हाई पावर कमेटी ही जांच करेगी। यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संतकुमार नेताम की याचिका खारिज कर दी। संत कुमार नेताम ,हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आए थे। इस आदेश में हाई कोर्ट ने पुरानी हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को खारिज करते हुए अजीत जोगी को आदिवासी माना था। नेताम ने अपनी याचिका में कहा था कि हाई कोर्ट का यह फैसला गलत है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। शुक्रवार को हुई इस सुनवाई में राज्य शासन की ओर से एडवोकेट जनरल जुगल किशोर गिल्डा ने सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी के साथ राज्य शासन का पक्ष रखा। राज्य शासन की ओर से भी यह कहा गया शासन की हाई पावर कमेटी ही जोगी की जाति के मामले में जांच करे। नेताम की याचिका राजनीतिक उद्देश्यों को लेकर  लगाई गई याचिका है।



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