कांग्रेस में प्रधुम्न के लिए सुनील बने परेशानी

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कांग्रेस में प्रधुम्न के लिए सुनील बने परेशानी
ग्वालियर। ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से जहां पूर्व विधायक और पिछली बार के पराजित प्रत्याशी प्रधुम्न सिंह तोमर एक बार फिर टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं तो पार्टी के अन्य कई नेता भी इस लाइन में हैं। लेकिन प्रधुमन के लिए सबसे बड़ी परेशानी सुनील शर्मा बने हुए हैं। हालांकि सुनील ने पिछली बार भी दावेदारी की थी लेकिन सिंधिया के साथ करीबी के चलते प्रधुमन ने लगातार दूसरी बार भी टिकट हथिया लिया था। लेकिन उन्हें पराजय हाथ लगी थी इसके चलते इस बार जहां उनकी दावेदारी कमजोर लग रही है वहीं सुनील शर्मा टिकट के लिए जी तोड़ प्रयास कर रहे हैं। वहीं सुनील ने इस क्षेत्र में पिछले पांच वर्ष में अपना जनसम्पर्क बढ़ाने के साथ ही समर्थकों के साथ कई आंदोलन, प्रदर्शन आदि भी किए हैं तो प्रधुमन भी इसमें पीछे नहीं रहे। 
पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक शर्मा भी दावेदार
 पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक शर्मा भी एक बार फिर ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। पिछली बार भी वह इस लाइन में थे। लेकिन सिंधिया के करीबी होने तथा इससे पहले जीत हासिल कर विधायकी कर रहे प्रधुमन ने बाजी मार ली थी। वहीं अब पिछले चुनाव में पराजित होने के बाद प्रधुमन की दावेदारी कमजोर दिखाई दे रही है तो सभी दोवेदारों को यह आशा है कि उन्हें टिकट मिल जाएगा। वहीं पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक शर्मा वरिष्ठ नेता होने के साथ ही अपने अनुभव के बल पर टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
उमा सेंगर भी लाइन में
पिछली बार भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही जीत के लिए ठाकुर वोटों को अहमियत देते हुए इसी समाज के नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया था। वहीं इस बार भी जहां प्रधुमन दावेदारी कर रहे हैं तो वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री उमा सेंगर भी टिकट की लाइन में हैं। श्रीमती सेंगर पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया के समय से ही महल की करीबी रहीं हैं। इसका लाभ भी उन्हें मिल सकता है। हालांकि इससे पूर्व कांग्रेस उन्हें महापौर का चुनाव भी लड़वा चुकी है जिसमें वह पराजित हो गईं थीं। लेकिन लम्बे समय से उनका नाम कहीं सुनाई नहीं दे रहा था। लेकिन इस बार फिर से उन्हें टिकट की लाइन में बताया जा रहा है।

 



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