विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है हिंदी – रावल

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विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है हिंदी – श्री रावल
इंदौर / राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पत्रों, टिप्पणियों,लेखों आदि के संकलन का पहला अंक भारत सरकार के प्रकाशन विभाग ने हिंदीभाषा में 15 अगस्त 1958 प्रकाशित किया था. इस पहले अंक में महात्मा गांधीको श्रद्धांजली देते हुये प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने लिखाथा ‘ जो भी गांधी जी की जीवन सरिता में, जैसी कि इस ग्रंथालाय में प्रकटहुई है,  डुबकी लगायेगा, वह निराश होकर न निकलेगा; क्योंकि उसमें एक ऐसा खजाना समाया हुआ है जिससे हर एक अयक्ति अपनी शक्ति और श्रद्धा के अनुसारजितना चाहे ले सकता है. इस अंक में प्रस्तावना में प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने लिखा है “ आने वाले युगों  के लोग अचरज करेंगे किकिसी जमाने में एक ऐसे महापुरूष ने हमारी भारत भूमि पर पग नापे थे औरअपने प्रेम और सेवा से हमारी जनता को ही नहीं बल्कि सारी मनुष्य जाति कोतर किया था. महात्मा गाधी के व्यक्तित्व और कृतित्व को जानने के लियेपत्रों, लेखों, टिप्पणियों के संकलन गांधी वांग्मय का अवलोकन किया जानाचाहिये. हिंदी दिवस के अवसर पर गांधी वांग्मय के 1958 से जनवरी 1977 केबीच प्रकाशित कुल 65 अंकों की प्रदर्शनी आज सूचना और प्रसारण मंत्रालय केसी.जी.ओ. भवन स्थित फील्डआऊटरीच ब्यूरो ( क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय )के कार्यालय में शुरू हुई. वरिष्ठ पत्रकार श्री रमन रावल ने इस प्रदर्शनीका शुभारम्भ किया. इस अवसर पर विदेश व्यापार महानिदेशालय के विकासअधिकारी श्री पी.एच. मोरखंडे, सी.जी.एस.टी. के नागपुर के सहायक आयुक्तश्री अरूण जैन और डाक विभाग के पूर्व अधिकारी श्री देवीलाल गुर्जर विशेषरूप से मौजूद थे.इस अवसर पर श्री रावल ने कहा कि यह प्रदर्शनी हमारी पीढ़ी के लिये किसीधरोहर से कम नहीं है. गांधी जी के विचारों को विस्तार से जानने के लिये
गांधी वांग्मय के अलावा कोई और साहित्य नहीं हो सकता. उन्होने कहा किगांधी जी स्वयं हिंदी के पक्षधर थे और तत्कालीन सरकार ने भी उनके इससंकलन को गुजराती तथा अंग्रेजी के पत्रों आदि का अनुवाद कर हिंदी मेंप्रकाशित किया है. श्री रावल ने बताया कि हाल ही में मारीशस में सम्पन्नहुये विश्व हिंदी सम्मेलन में यह बात उभर कर सामने आयी है कि हिंदी को अबविश्व भाषा बनने से कोई भी नहीं रोकसकता. उन्होने लोगों से अनुरोध कियाहै वे सन्युक्त राष्ट्र द्वारा शुरू किये गये हिंदी चैनल को जरूर देखेंताकि हिंदी को सन्युक्त राष्ट्र संघ की एक भाषा के रूप में मान्यता मिलसके. श्री अरूण जैन, श्री गुर्जर और श्री मोरखंडे ने भी अपने विचारव्यक्त करते हुये कहा कि गांधी वांग्मय की प्रदर्शनी लगाना सराहनीय पहलहै. विशेषकर युवाओं को इस धरोहर का अध्ययन जरूर करना चाहिये.फील्ड आऊटरीच ब्यूरो के सहायक निदेशक मधुकर पवार ने बताया कि यहप्रदर्शनी आगामी 28 सितम्बर 2018 तक शनिवार और रविवार को छोड़कर प्रतिदिनप्रात: 10:30 बजे से सायं 5 बजे तक खुली रहेगी. पवार ने बताया कि आगामी 2अक्टूबर को महात्मा गांधी के 150 वें जन्मदिन के वर्ष भर चलने वाले
समारोह शुरू हो रहे हैं. इसी के मद्देनजर यह प्रदर्शनी पूरे वर्ष भर यानिअगले वर्ष 2 अक्टूबर 2019 तकआम जनता के अवलोकनार्थ प्रदर्शित की जायेगी.कार्यक्रम का संचालन क्षेत्रीय प्रचार सहायक किशोरगाठिया ने किया. प्रेमलता ने आभार माना.
 



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