पितृपक्ष आज से शुरू, पितरों को किया तर्पण

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अग्रसेन मेला 13 से
ग्वालियर। श्री अग्रवाल महासभा द्वारा अग्रसेन जयंती महोत्सव का आयोजन इस वर्ष भी धूमधाम से किया जाएगा। इस दौरान 13 व 14 अक्टूबर अग्रसेन मेले का आयोजन किया जाएगा। जीवायएमसी में आयोजित इस मेले का मुख्य आकर्षण महिलाओं व युवतियों द्वारा गरबा,डांडिया की प्रस्तुति दी जाएगी। वहीं बच्चों की विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी। महासभा के अध्यक्ष हरीबाबू गोयल, मोहनलाल अग्रवाल, रामनाथ अग्रवाल, गोविन्ददास अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, ज्योति गुप्ता सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने का अपील की है। गरवा-डांडिया का प्रशिक्षण किडीज कॉर्नर स्कूल, नयाबाजार में शाम 4 बजे से दिया जाएगा।

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निगम की लापरवाही————
स्वच्छता पखवाड़े में पसरी गंदगी
ग्वालियर। पूरे देश सहित शहर में भी इन दिनों स्वच्छता पखवाड़ा चल रहा है। लेकिन नगर निगम के लापरवाह रवैये के चलते जगह-जगह कचरा और गंदगी पसरी हुई है। शहर का शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहां कि पूरी तरह नियमित साफ-सफाई हो रही हो। उधर पहले दिन हाथ में झाडू पकड़कर सफाई कर इसका शुभारंभ करने वाले अधिकारी, नेता और मंत्री इसके बाद से ही गायब हैं और उन्होंने जनता की कोई सुध नहीं ली है। स्थिति यह है कि वर्तमान में शहर के व्यस्त बाजारों से लेकर गली मोहल्लों में भी गंदगी का साम्राज्य है। कई जगह से कचरा उठना तो दूर यहां झाडू तक नहीं लग रही। वहीं इन क्षेत्रों से नियमित ही कई बार निगम के अधिकारी अपनी गाडिय़ों में बैठकर गुजर जाते हैं लेकिन उन्हें यह गंदगी नजर नहीं आती। शहर में गोरखी के पीछे, माधौगंज, कैथवाली गली, नई सड़क, जनकगंज, जीवाजीगंज, खासगी बाजार, फालका बाजार, नदी गेट, फूलबाग चौपाटी सहित अन्य क्षेत्रों में जगह-जगह फैली गंदगी शासन-प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता पखवाड़े की पोल खोल रही है और अधिकारी मौन साधे सबकुछ देख रहे हैं और इसका खामियाजा आमजनता को उठाना पड़ रहा है।
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पितृपक्ष आज से शुरू, पितरों को किया तर्पण 
घर में सुख-शांति-समृद्धि प्रदान करेंगे पूर्वज

 ग्वालियर। आज से पितृ पक्ष शुरू हो गया है। आज से पितृपक्ष अपने पूर्वजों को स्मरण करने का समय शुरू होते ही लोगों ने कटोराताल पहुंचकर अपने पितरों के निमित्त जल में तिल और कुश डालकर तर्पण किया और पितरों से सुख समृद्धि की कामना की।  भादों में पूर्णिमा तिथि के साथ ही आज से श्राद्ध पक्ष प्रारम्भ हो गया। सोलह दिन के लिए हमारे पितृ घर में विराजमान होंगे। इस दौरान अपने वंश का कल्याण करेंगे। घर में सुख-शांति-समृद्धि प्रदान करेंगे। जिनकी कुंडली में पितृ दोष हो, उनको अवश्य अर्पण-तर्पण करना चाहिए। वैसे तो सभी के लिए अनिवार्य है कि वे श्राद्ध करें। श्राद्ध करने से हमारे पितृ तृप्त होते हैं। सोमवार को पूर्णिमा है। जिन लोगों की मृत्यु पूर्णिमा को हुई है, वे सवेरे तर्पण करें और मध्याह्न को भोजनांश निकालकर अपने पितरों को याद करें। हमारे परिवार के जिन पूर्वजों का देहांत हो चुका है उन्हें हम पितृ मानते हैं. जब तक किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका जन्म नहीं हो जाता वह सूक्ष्म लोक में रहता है. ऐसा माना जाता है कि इन पितरों का आशीर्वाद सूक्ष्मलोक से परिवार के लोगों को मिलता रहता है.पितृपक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने लोगों पर ध्यान देते हैं और आशीर्वाद देकर उनकी समस्याएं दूर करते हैं. पितृपक्ष में हम लोग अपने पितरों को याद करते हैं और उनकी याद में दान धर्म का पालन करते हैं. इस बार पितृपक्ष 24 सितंबर से शुरू होकर 08 अक्टूबर तक रहेगा.दूरदराज में रहने वाले, सामग्री उपलब्ध नहीं होने, तर्पण की व्यवस्था नहीं हो पाने पर एक सरल उपाय के माध्यम से पितरों को तृप्त किया जा सकता है।

 



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