पुष्य नक्षत्र कल,शुभ मुहूर्त में करें खरीदारी
सराफा बाजार कारोबारियों की होगी चांदी
ग्वालियर। बुधवार 31 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र है। इसे बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। इसमें किया गया काम पूरी तरह से फलदायी होता है। इस दिन खरीदारी, भूमि पूजन और लेन-देन करना बहुत ही शुभ है। यह 28 नक्षत्रों में 8वां नक्षत्र है और 12 राशियों में एकमात्र कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। पुष्य नक्षत्र के सभी चरणों के दौरान चंद्रमा अन्य किसी राशि का स्वामी नहीं है, इसलिए पुष्य नक्षत्र को सुख-शांति व धन-संपत्ति के लिए अत्यंत पवित्र माना गया है।
पुष्य नक्षत्र 30 अक्टूबर रात 3 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर 31 अक्टूबर की रात 2 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इसे लेकर दुकानदारों में काफी उत्साह है। इसका मुख्य कारण पुष्य नक्षत्र के दौरान होने वाली खरीदारी है। इसके लिए सराफा बाजार में अधिक उत्साह है। क्यों कि इस दिन सोना-चांदी की खरीदारी को बहुत ही अच्छा माना जाता है।
सोने की खरीदारी का है अधिक महत्व
पुष्य नक्षत्र में सोने की खरीदारी का अधिक महत्व है। इस दिन सोना इसलिए खरीदते हैं, क्योंकि इसे शुद्ध, पवित्र और अक्षय धातु के रूप में माना जाता है। यह नक्षत्र स्वास्थ्य के लिए भी विशेष महत्व रखता है। पुष्य नक्षत्र पर शुभ ग्रहों का प्रभाव होने पर यह सेहत संबंधी कई समस्याओं को समाप्त करने में सक्षम होता है।
स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए करेेंं ये उपाय
पुष्य नक्षत्र मां लक्ष्मी का अत्यंत प्रिय नक्षत्र है। इसमें मां लक्ष्मी की प्रसन्न्ता के लिए अनेक उपाय किए जाते हैं। 31 अक्टूबर को प्रात: 6.30 से 9.21 बजे के बीच महालक्ष्मी मंदिर में जाकर देवी को 108 गुलाब के पुष्प अर्पित करें। इससे घर में स्थायी लक्ष्मी का वास होगा। पुष्य नक्षत्र में दूध और चावल की खीर बनाकर चांदी के पात्र में लक्ष्मी को भोग लगाने से अष्टलक्ष्मी की प्राप्ति होती है। पुष्य नक्षत्र में श्रीसूक्त के 108 पाठ करने से जीवन के आर्थिक संकटों का नाश होता है और सुख-सौभाग्य प्राप्त होता है। वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और खुशहाली के लिए पुष्य नक्षत्र में शिव परिवार का विधि-विधान से पूजन करें। विवाह में बाधा आ रही है तो पुष्य नक्षत्र में बृहस्पति देव के निमित्त कन्याओं को बेसन के लड्डू का वितरण करें। भगवान श्रीगणेश को 1008 दुर्वांकुर अर्पित करने से सुख-सौभाग्य, वैभव और ज्ञान की प्राप्ति होती है। विद्या बुद्धि की प्राप्ति के लिए पुष्य नक्षत्र के दिन चांदी के पात्र से दूध का सेवन करें।











