कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण के साथ जनसम्पर्क में नहीं दिखे स्थानीय नेता
ग्वालियर। दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी को लेकर शुरू से ही असमंजस में रही कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। यहां से दावेदारों की लम्बी लाइन के कारण पार्टी को प्रत्याशी के चयन में काफी मंथन करना पड़ा। इसके बाद जब कांग्रेस ने एक दम नए चेहरे प्रवीण पाठक को टिकट दिया तो इसके साथ ही विरोध भी शुरू हो गया। जिसे पार्टी समाप्त करने में अब तक कामयाब नहीं हो सकी है। यही कारण है कि प्रवीण के जनसम्पर्क के दौरान भी गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है। उनके साथ इस क्षेत्र का कोई भी नेता दिखाई नहीं दे रहा।
आज बुधवार को जब कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक माधौगंज क्षेत्र में जनसम्पर्क के लिए निकले तो उनके साथ स्थानीय कांग्रेस नेता भगवान सिह यादव,इस्माइल खां पठान,किशन मुदगल, आनंद शर्मा, बलराम ढींगरा, अलबेल घुरैया, सुधीर गुप्ता,हरी पाल सहित स्थानीय कार्यकर्ता भी नहीं दिखाई दिए। मजे की बात तो यह है कि प्रवीण के साथ उनके नाते-रिश्तेदार पर्चे बांटते नजर आए। इस दौरान चंद लोग ही उनके साथ चल रहे थे। स्थिति यह है कि डोर टू डोर होने वाले जनसम्पर्क में मतदाताओं को अपनी बात कहने के लिए भी प्रत्याशी कहीं नहीं रुके।
प्रचार प्रवीण का बात समीक्षा की जीत की
दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी के जनसम्पर्क के दौरान उनके साथ चल रहे बाहरी कार्यकर्ता प्रचार तो उनके लिए करने निकले थे लेकिन आपस में जीत के कयास समीक्षा गुप्ता के लिए लगा रहे थे। नाम ना छापने की शर्त पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बताया कि मुकाबला त्रिकोणीय बनता नजर आ रहा है लेकिन कांग्रेस में व्याप्त गुटबाजी के चलते प्रवीण का जीतना काफी मुश्किल है।
मोबाइल पर व्यस्त दिखे प्रवीण
जनसम्पर्क के लिए क्षेत्र में निकले कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक मतदाताओं से वोट और सहयोग की अपील करने की जगह पूरे समय मोबाइल पर व्यस्त दिखाई दिए। यहां तक कि जनसम्पर्क के दौरान वह मतदाताओं से हाथ तो मिला रहे थे लेकिन बात मोबाइल पर कर रहे थे। प्रवीण के जाने के बाद मतदाता यही कहते नजर आए कि जब चुनाव जीतने से पहले यह स्थिति है तो यदि विधायक बन गए तो क्या हाल होगा।
रूठों को नहीं मना पा रहे प्रवीण
मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है चुनावी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। स्थिति यह है कि सभी प्रत्याशी पार्टी में अपने विरोधियों को मनाने में लगे हैं। लेकिन ऐसा लग रहा है कि जैसे दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक ने टिकट मिलने के साथ ही अपनी जीत सुनिश्चित मान ली है। इसके चलते वह ना तो नाराज लोगों को मनाने का अधिक प्रयास कर रहे हैं और नाही उन्हें चुनाव में स्थानीय नेताओं की आवश्यकता है। आज बुधवार को भी जब वह माधौगंज क्षेत्र में जनसम्पर्क के लिए पहुंचे तो यहां वह वरिष्ठ नेता किशन मुदगल के निवास पर तो गए लेकिन जब उन्हें मालूम पड़ा कि मुदगल नहीं हैं तो उन्होंने इसे भी अधिक तबज्जो नहीं दी। वहीं वरिष्ठ नेता मुदगल का प्रवीण के प्रचार में शामिल ना होकर बाहर चले जान यह दर्शाता है कि इस सीट पर कांग्रेस में गुटबाजी कितनी हावी है।











