बचपन से ही साहसी थींं वीरांगना झलकारी बाई

स्लाइडर ,सिटी लाइव,   
img

बचपन से ही साहसी थींं वीरांगना झलकारी बाई
ग्वालियर। वीरांगना झलकारी बाई बचपन से ही साहसी और दृढ़ प्रतिज्ञ थीं। वह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की नियमित सेना में महिला शाखा दुर्गा दल की सेनापति थीं। इसके साथ ही वह लक्ष्मीबाई की हमशक्ल भी थीं। इस कारण शत्रुओं को धोखा देने के लिए वह रानी के वेश में भी युद्ध करती थीं। हम सभी को उनके बताए मार्ग का अनुशरण करना चाहिए।
यह बात आज गुरुवार को आकाशवाणी कार्यालय के समीप स्थित वीरांगना झलकारी बाई के प्रतिमा स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान कांग्रेस नेता अमर सिंह माहौर ने कही।
उन्होंने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंगे्रजी सेना के बीच रानी लक्ष्मीबाई के घिर जाने पर झलकारी बाई ने बड़ी सूझबूझ, स्वामी भक्ति और राष्ट्रीयता का परिचय दिया था। इस मौके पर दो दर्जन से अधिक कोली समाज के पदाधिकार एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।



सोशल मीडिया