स्वच्छता सर्वेक्षण का नारा, फिर भी गंदा शहर हमारा
ग्वालियर। स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को अव्वल बनाने के लिए नगर निगम इन दिनों जी जान से जुटा है। हालांकि उसके यह प्रयास जमीनी कम और कागजी अधिक दिखाई दे रहे हैं।
एक ओर जहां निगम द्वारा स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे हैं और इसके परिणाम कहीं भी दिखाई नहीं दे रहे तो दूसरी ओर शहर में बेहतर सफाई व्यवस्था के दावों के साथ स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने के प्रयासों में लगी नगर निगम कचरा तक नहीं उठवा पा रही।
लाउड स्पीकर से भी प्रचार
पहले स्वछता अभियान और अब स्वच्छता सर्वेक्षण की बात करें तो निगम ने इसके लिए दिखावा अधिक और काम कम किया है। यही कारण है कि आज भी शहर के विभिन्न हिस्सों में गंदगी और कचरे के ढेर लगे दिखाई दे रहे हैं। लेकिन निगम इस सच को झुठलाने में लगी हुई है। स्थिति यह है कि इन दिनों वाहनों में स्वच्छता सर्वेंक्षण के पोस्टर लगाकर लाउड स्पीकर पर शहर में प्रचार के साथ ही शहरवासियों से स्वच्छता की अपील की जा रही है। लेकिन धरातल पर इसके लिए कोई काम नहीं किया जा रहा।
फिर कागजों पर फतह हासिल करने का प्रयास
स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछली बार भी दो मर्तबा फेल होने के बाद सैटिंग के आधार पर तीसरी बार में किसी तरह शहर सर्वे में अव्वल आ गया लेकिन यह स्थिति अधिक समय तक नहीं चली और एक बार फिर निगम इसमें फिसड्डी रह गई। वहीं अब उसका प्रयास है कि वह जमीन पर नहीं तो कागजों में तो अव्वल आ ही जाए।
स्वच्छता सर्वेक्षण का नारा, फिर भी गंदा शहर हमारा
स्लाइडर ,सिटी लाइव, Nov 23 2018
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