सैनिकों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने का दिन झंडा दिवस

स्लाइडर ,सिटी लाइव,   
img

 सैनिकों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने का दिन झंडा दिवस 

ग्वालियर। सशस्त्र झंडा दिवस जांबाज सैनिकों व उनके परिजनों के प्रति नागरिक एकजुटता प्रदर्शित करने का दिन है, अत: हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह सात दिसम्बर को सैनिकों के सम्मान व उनके कल्याण में अपना योगदान दें। इस दिन धनराशि का संग्रह किया जाता है। यह बात आज शुक्रवार को झंडा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर अशोक वर्मा ने कही।
पूरे देश के साथ ही शहर में भी सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में नागरिकों को सेना के सांकेतिक ध्वज भेंट कर सम्मानित किया जा रहा है। इस अवसर पर कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा को जिला सैनिक कल्याण अधिकारी श्री पलवार ने ध्वज भेंट किया। साथ ही अपर कलेक्टर  दिनेश श्रीवास्तव को भी ध्वज लगाया गया । दोनों अधिकारियों ने भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए सहयोग राशि भेंट की। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी श्री पलवार ने बताया कि इस साल ग्वालियर जिले में सैनिकों के कल्याण के लिए लगभग 12 लाख रुपये की सहयोग राशि प्राप्त हुई है, जो पिछले साल से लगभग 40 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया पिछले साल पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए 8 लाख 15 हज़ार रुपये सहयोग राशि के रूप में प्राप्त हुए थे।
सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन
इस अवसर पर श्री पलवार ने कहा कि प्रतिवर्ष सात दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। झंडा दिवस यानी देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन। उन जांबाज सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का दिन, जो देश की तरफ आंख उठाकर देखने वालों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। सेना में रहकर जिन्होंने न केवल सीमाओं की रक्षा की, बल्कि आतंकवादी व उग्रवादी से मुकाबला कर शांति स्थापित करने में अपनी जान न्यौछावर कर दी। इस अवसर पर धन लोगों को झंडे का एक स्टीकर देकर एकत्रित किया जाता है। गहरे लाल व नीले रंग के झंडे के स्टीकर की राशि निर्धारित होती है। लोग इस राशि को देकर स्टीकर खरीदते हैं और उसे पिन से अपने सीने पर लगाते हैं। इस तरह वे शहीद या हताहत हुए सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। जो राशि एकत्रित होती है, वह झंडा दिवस कोष में जमा कर दी जाती है। इस राशि का उपयोग युद्धों में शहीद हुए सैनिकों के परिवार या हताहत हुए सैनिकों के कल्याण व पुनर्वास में खर्च की जाती है। यह राशि सैनिक कल्याण बोर्ड की माध्यम से खर्च की जाती है। देश के हर नागरिक को चाहिए कि वह झंडा दिवस कोष में अपना योगदान दें, ताकि हमारे देश का झंडा आसमान की ऊंचाइयों को छूता रहे।



सोशल मीडिया