हर्षोल्लास से मनाया विजय दिवस , भारतीय सेनाओं की शौर्य गाथाओं का पुण्य स्मरण किया

  
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हर्षोल्लास से मनाया विजय दिवस
 भारतीय सेनाओं की शौर्य गाथाओं का पुण्य स्मरण किया

 ग्वालियर। पूरे देश के साथ ही आज रविवार को शहर में विजय दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।16 दिसम्बर 1971 में आज ही के दिन युद्ध में पाकिस्तान पर भारत ने विजय हासिल की थी। इस पावन अवसर पर भारतीय सेनाओं की शौर्य गाथाओं का पुण्य स्मरण किया गया।
इस मौके पर ऑडिटोरियम सीमा सुरक्षा बल अकैडमी टेकनपुर में आयोजित कार्यक्रम के मुख्यअतिथि उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार आर एन रवि थे जबकि अध्यक्षता आईजी संयुक्त निदेशक सीमा सुरक्षा बल अकैडमी टेकनपुर ने की। इस अवसर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई,वहीं उनकी विधवा पत्नियों को शॉल,श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर डबरा के सुप्रसिद्ध डॉ डीएस ठाकुर, जितेंद्र कुमार गुप्ता, संजीव जैन, मनोज मोदी, दीपक कुचिया सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
जीविवि में लगी सेना के हथियारों की प्रदर्शनी
विजय दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं इस मौके पर जीवाजी विश् वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सेना से सम्बन्धित हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। 
क्यों मनाया जाता है विजय दिवस
भारत पाकिस्तान के इस युद्ध के अंत के बाद 93,000 पाकिस्तानी सेना आत्मसमर्पण कर देती है। साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। यह युद्ध भारत के लिए ऐतिहासिक और हर देशवासी के दिल में उमंग पैदा करने वाला साबित हुआ।



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