नगर निगम का नटवरलाल देवी सिंह , भाजपा नेताओं के इशारे पर कर रहा है काम

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नगर निगम का नटवरलाल देवी सिंह 
भाजपा नेताओं के इशारे पर कर रहा है काम

ग्वालियर। भले ही सरकार बदल गई हो लेकिन नगर निगम में आज भी अधिकारी भाजपा नेताओं के इशारे पर ही काम कर रहे हैं। इन्हें लाभ दिलाने के लिए ये लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं।
लगातार 15 वर्षों तक भाजपा नेताओं के सरंक्षण में काम कर रहे निगम के अधिकतर अधिकारी अपनों को लाभ पहुंचाने में लगे हैं और इसके लिए वह सभी नियम कायदों को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं। इनमें से इन दिनों सहायक यंत्री विद्युत देवी सिंह राठौर और पार्क अधीक्षक मुकेश बंसल के नाम सर्वाधिक चर्चा में हैं।
मानस भवन में लगा दिए हजारों के सोडियम
सूत्र बताते हैं कि इन दिनों मानस भवन पर भी एक भाजपा नेता ने कब्जा कर रखा है यह नेता अपनी पार्टी के शासन काल में एक प्राधिकरण के अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज रह चुका है। सूत्रों की मानें तो इस नेता के इशारे पर सहायक यत्री देवी सिंह राठौर ने यहां पर हजारों रुपए कीमत के बड़े-बड़े सोडियम लगवा दिए। जबकि शहर के अधिकतर क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट नहीं होने के कारण आज भी अंधकार है। जिसके लिए अधिकारियों की मानें तो निगम के पास बिजली का सामान ही नहीं है जबकि यह सहायक यत्री भाजपा नेताओं और उनके चहेतों के इशारे पर उनके क्षेत्र में ही नहीं बल्कि घरों और संस्थानों के आसपास इसी सामान से जगमग रोशनी करवा रहा है। जबकि शहर के व्यस्त बाजारों और मार्गों पर भी ऐसी एलईडी लाइटें लगा दी गई हैं जो कि दीयों की तरह टिमटिमाती हैंं और जिनकी रोशनी पोल के नीचे तक नहीं आ पाती। इनका ऐसा ही एक मामला अभी हाल ही में हरगोविन्दपुरम थाटीपुर में भी सामने आ चुका है जिसमें सहायक यंत्री राठौर ने एक निर्माणाधीन होटल का विद्युत ट्रांसफार्मर तक निगम की जमीन पर लगवा दिया। जबकि निगमायुक्त ने इस होटल के निर्माण को ही अवैध मानते हुए इसे तोडऩे के आदेश दिए थे।
पार्क अधीक्षक भी पीछे नहीं
निगम अधिकारियों द्वारा भाजपा नेताओं के इशारे पर काम करने की बात करें तो इसमें निगम के पार्क अधीक्षक मुकेश बंसल भी पीछे नहीं हैं। सूत्र बताते हैं कि बंसल ने भाजपा के शासन काल में उनके सिर पर इन नेताओं का हाथ होने के चलते काफी बारे-न्यारे किए हैं यहां तक कि वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों को भी ठेंगा दिखा देते हैं। उनक मनमानी के कारण जहां पार्कों की हालत बद से बदतर हो गई वहीं शहर के कई क्षेत्रों से हरे-भरे पेड़ साफ कर दिए गए लेकिन उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सका। मजे की बात तो यह है कि सत्ता परिवर्तैन के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है और वे अपनी मनमानी में लगे हैं।
 



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