मेला हमारी विरासत इसे सहेजना हमारा कर्तव्य : तोमर
ग्वालियर व्यापार मेले का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित
ग्वालियर । ग्वालियर सदियों से प्रगति का प्रतीक रहा है। व्यापार मेला हमारी संस्कृति और सभ्यता के साथ व्यापारिक समृद्धता का प्रतीक है। यह हमारी गौरवशाली विरासत को भी दर्शाता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम इस विरासत को सहेजकर रखें। यह बात प्रदेश सरकार के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर ने कही।
वे ग्वालियर व्यापार मेला के फेसिलिटी सेन्टर में आयोजित मेले के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के बोल रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक मुन्ना लाल गोयल ने की। जबकि जिला पंचायत के सीईओ शिवम वर्मा, मेला प्रधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक प्रेमी, शायर काजी तनवीर, आरटीओ एमपी सिंह एवं मेला व्यापारी संघ के सचिव महेश मुदगल मंचासीन थे। मेला सचिव पीसी वर्मा ने स्वागत भाषण दिया। इस दौरान अतिथियों ने मेले में प्रथम,द्वितीय व तृतीय सहित सांत्वना स्थान पाने प्रतिष्ठान, प्रदर्शनी एवं व्यक्तिगत सहयोगियों को पुरस्कार प्रदान किये।
मुख्य अतिथि श्री तोमर ने कहा कि हम आपके सेवक थे, सेवक हैं और सेवक रहेंगे। सुंदर, स्वच्छ और स्वस्थ ग्वालियर बनाने का जो संकल्प माधवराव सिंधिया का था, अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में उसे पूरा करने का समय आ गया है। हमारा सोच है, कि हमारी भावी पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रहे। इसके लिए जरूरी है कि हमें अपने शहर के वातावरण को बेहतर बनाना होगा। मेले ने इस साल जो प्रगति की है वह शहर की खुशहाली का प्रतीक बनेगी। उन्होंने कहा कि ग्वालियर ने सदियों से प्रगति की लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह पिछड़ गया। अब वक्त आ गया है कि हम सब को मिलकर ग्वालियर के विकास के लिए लड़ना होगा और सामूहिक रूप से प्रयास करना होगा। इसकी शुरुआत हम 1000 बिस्तर के अस्पताल के निर्माण के शुभारम्भ के साथ करने जा रहे हैं।
अध्यक्षता कर रहे विधायक श्री गोयल ने कहा कि व्यापार मेला व्यापारिक गतिविधियों के साथ संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक भी है। पिछले कुछ वर्षों से मेले का आकर्षण खोता जा रहा था। प्रमुख कारण था ऑटोमोबाइल्स सेक्टर का न आना। लेकिन नेक इरादे वाली कॉंग्रेस ने सरकार बनने के चौथे दिन ही ऑटोमोबाइल्स पर रोड टैक्स छूट का तोहफा दिया। परिणाम स्वरूप दो महीने में ही कारोबार 500 करोड़ के पार हो गया।
उन्होनें कहा कि मेले को प्रगति मैदान की तर्ज पर विकसित करने के लिए साल भर गतिविधियां होती रहनी चाहिएं। इससे व्यापारियों के चेहरे पर मुस्कान आएगी।
महेश मुदगल ने कहा कि जितनी सुंदर संरचना इस मेले की है, ऐसी पूरे देश में नहीं है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि मेले को कम्प्यूटराइज्ड होना चाहिए ताकि एक क्लिक पर पूरी जानकारी हासिल हो सके। इससे पारदर्शिता आएगी। दुकानदारों पर आर्थिक भार न हो ऐसे प्रयास होना चाहिए।कार्यक्रम का संचालन कादंबरी आर्य ने किया।।
इससे पूर्व मेला व्यापारी संघ के संयोजक उमेश उप्पल, अध्यक्ष महेंद्र भदकारिया, प्रवक्ता अनिल पुनियानी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश गौड़, कल्ली पंडित , मेला दुकानदार कल्याण समिति के अध्यक्ष बलबीर खटीक व कमल सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया।











