शहर में होली की धूम, सजे बाजार

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शहर में होली की धूम, सजे बाजार
चाइनीज पिचकारी एसएलआर और एके 47 बनी पहली पसंद

ग्वालियर। रंगों का पर्व होली अब मात्र एक दिन दूर है। शहर में त्योहार को मनाने के लिए उत्साह और उमंग दिखाई देने लगा है। बाजार सज गए हैं और लोगों ने खरीदारी भी शुरू कर दी है। मौसम का मिजाज फागुनी हो गया है और फागुनोत्सव दस्तक भी दे रहा है। शहर के प्रमुख बाजारों  महाराजबाड़ा, टोपीबाजार, दौलतगंज, नजरबाग मार्केट, चावड़ी बाजार, जनकगंज,नईसड़क, पाटनकर बाजार, फालकाबाजार, जयेन्द्रगंज, कम्पू, उपनगर मुरार के सदरबाजार, बारादरी, ग्वालियर के हजीरा, किलागेट सहित फुटपाथों और हाथठेलों पर भी रंग,गुलाल और पिचकारी सहित होली से सम्बन्धित अन्य सामान बिकने लगा है। हालांकि फिजां में स्वदेशी का रंग भी घुला हुआ है। इसके बावजूद विदेशी का असर कम होता नजर नहीं आ रहा है। इस बार भी होली के बाजार पर चाइना का रंग असरदार नजर आ रहा है. 
मास्क, टोपी ओर पिचकारी सहित अन्य आइटमों पर भी चाइना का रंग
रंगों की फुहार बरसाने के लिए पिचकारी, मास्क टोपी सहित सभी आइटमों पर चाइना का जादू दिख रहा है। देशी होली के त्योहार में अब स्वदेशी पिचकारी की जगह चाइनीज एसएलआर और एके 47 पिचकारी ने ले ली है। वही टैंक और मिशाइल की डिजाइन वाली पिचकारी, बदलते समय के साथ नयी पीढ़ी की पसंद भी चाइनीज आइटम बना हुआ है। इतना ही नहीं दुकानदार भी खरीदारों को लुभाने के लिए नयी डिजाइनर पिचकारियों के साथ चाइनीज मास्क, हैट और अन्य सामानों को दुकानों में सजाये हुए है। पिछले बार की तुलना में होली पर इस बार सामानों के दाम में बढ़ोतरी नहीं होने से कारोबारियों को बिक्री में इजाफा होने की उम्मीद है।  
एके- 47 से निकलेंगे रंग 
बाजार में सजे होली के सामानों की दुकान पर एके 47 और एसएलआर पिचकारी बच्चों को खूब लुभा रही हैं। पहले जहां बच्चों के हाथों में बांस की बनी परंपरागत पिचकारी या फिर उसी शक्ल की प्लास्टिक की पिचकारी होती थी, वहीं अब इसकी जगह चाइनीज एके 47 और एसएलआर दिखाई देगा. हालांकि इसमें से गोली की जगह रंग ही निकलेगा लेकिन इसके प्रभाव आर्थिक रूप से दूरगामी साबित होंगे। बदलाव का एक रूप यह भी है कि बाजार में पीतल से लेकर लोहे और टीन तथा प्लास्टिक के परंपरागत पिचकारी भी 50 से 200 रुपये तक में मौजूद है लेकिन बच्चों की पसंद चाइनीज एके 47 ही बना हुआ है। जबकि चाइनीज एके 47 की कीमत 300 रुपये और एसएलआर की कीमत 250 रुपये है।
वाटर बैलून, कलर स्प्रे व सुगंधित गुलाल की है डिमांड 
रंगों का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है बाजारों में खरीदारों की संख्या बढ़ती जा रही है. होली की तैयारियां खरीदारी के साथ परवान चढ़ रही है। मार्च और 21 मार्च को होली मनाई जाएगी। युवाओं में कलर स्प्रे तो बच्चों में वाटर बैलून का क्रेज दिख रहा है। लिहाजा बाजार में दुकानदार भी चाइनीज बैलून और कलर स्प्रे का स्टॉक कर डिमांड पूरी करने में जुटे हैं. 
ग्राहकों की पहली पसंद हर्बल व सुगंधित गुलाल है। बाजार में गुलाल 15 रुपये प्रति 100 ग्राम से लेकर 80 रुपये प्रति सौ ग्राम तक का मिल रही है। लेकिन महंगे दामों के सुगंधित गुलाल की बिक्र ही सबसे अधिक है।  
 



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