ग्वालियर से प्रियदर्शिनी होंगी कांग्रेस प्रत्याशी !

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ग्वालियर से प्रियदर्शिनी होंगी कांग्रेस प्रत्याशी  ! 
अशोक सिंह को भी टिकट की आस

ग्वालियर। लोकसभा चुनाव में प्रियदर्शिनी राजे ग्वालियर से कांग्रेस प्रत्याशी होंगी। उनके नाम पर लगभग मुहर लग चुकी है और केवल घोषणा बाकी है। उधर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी और तीन बार यहां से चुनाव हार चुके अशोक सिंह को भी यहां टिकट की आस है।
यूं तो लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पूर्व ही यह अटकलें चल पड़ीं थीं कि ग्वालियर से इस बार प्रियदर्शिनी राजे प्रत्याशी हो सकती हैं। हालांकि इसके साथ ही अशोक सिंह, सुनील शर्मा, अशोक शर्मा, ज्ञानेश शर्मा सहित कुछ अन्य नाम भी चर्चाओं में थे लेकिन अंचल के अधिकतर कांग्रेसी प्रियदर्शिनी के ही नाम पर सहमत हैं। इसी को लेकर रविवार को कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक बैठक के दौरान भी इसे लेकर प्रस्ताव पास कर दिया गया जिसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा गया है। इसके बाद यह तय माना जा रहा है कि प्रियदर्शिनी ही ग्वालियर से चुनाव लड़ेंगी।
कांग्रेस की जीत तय
यदि कांग्रेस से प्रियदर्शिनी चुनाव लड़ती हैं तो उनकी जीत सुनिश्चित है। यही कारण है कि उनका नाम सामने आने के बाद भाजपा को प्रत्याशी तय करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। यहां तक कि इस नाम के सामने स्वयं कोई भी नेता आने से घबरा रहा है। वहीं इससे पहले इस सीट से विजय हासिल करने वाले केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपना क्षेत्र बदल लिया है और वे एक बार फिर मुरैना पहुंच गए हैं हालांकि उनकी स्थिति वहां भी ठीक नहीं बताई जा रही। इधर उनके बाद जो नाम सामने आ रहे हैं उनमें माया सिंह, अनूप मिश्रा, विवेक शेजवलकर और जयसिंह कुशवाह शामिल हैं। लेकिन यदि प्रियदर्शिनी राजे यहां से कांग्रेस प्रत्याशी होती हैं तो उनकी जीत तय मानी जा रही है।
प्रस्ताव पर उठे विरोध के स्वर
ग्वालियर से प्रियदर्शिनी राजे को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर रविवार को जिला कांग्रेस कार्यालय में पारित किए गए प्रस्ताव के सम्बन्ध में विरोध के स्वर भी सुनाई देने लगे हैं। हालांकि इस दौरान मंत्री,विधायकों सहित वरिष्ठ कांग्रेसी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता में मौजूद थे लेकिन इनमें टिकट की आस लगाए बैठे अशोक सिंह की मानें तो वे बैठक में शामिल नहंी थे और उनका नाम गलत लिया गया है। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह गुट के कुछ नेताओं का भी ऐसा ही कहना है जिससे विवाद की स्थिति बनती दिख रही है लेकिन यदि हाईकमान प्रियदर्शिनी के नाम पर मोहर लगाता है तो कांग्रेस की जीत पक्की है और यह बात सभी कांग्रेसी अच्छी तरह जानते हैं।

 



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